रोजगार का सवाल हल करें सरकारें – आइपीएफ

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अवधनामा संवाददाता

● दुद्धी में रूक सकता है पलायन यदि नीति और नियत हो

● एजेंडा लोकसभा चुनाव पर म्योरपुर ब्लाक के गांवों में हुआ संवाद

सोनभद्र/ म्योरपुर  लोकसभा चुनाव में रोजगार का अधिकार एक प्रमुख मुद्दा होगा और इसे आने वाली सरकारों को हल करना होगा। दुद्धी में बड़े पैमाने हो रहे पलायन पर रोक लगाई जा सकती है और रोजगार के सवाल को हल किया जा सकता है बशर्ते सरकार की नीति और नियत इसे करने की हो। दुध्दी प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर इलाका है और प्रमुख औद्योगिक केंद्र है। यदि यहां की पिछड़ी खेती का सहकारीकरण किया जाए, कनहर बांध को पूरा करके सिंचाई की व्यवस्था की जाए, गांव में बहने वाले बरसाती नालों को बांध दिया जाए और वाटर शेड प्रोग्राम के जरिए जल का संचयन हो तो खेती किसानी उन्नत होगी और भारी मात्रा में सब्जी का उत्पादन होगा जिससे लोगों की आजीविका की व्यवस्था होगी। यहां के उद्योगों से निकलने वाली फ्लाई ऐश आधारित ईट बनाने के उद्योग और जैविक अरहर उत्पादन करने वाले इस क्षेत्र में दाल मिल लगाने से लोगों को रोजगार मिलेगा। कनहर, पांगन, ठेमा जैसी नदियों में खनन माफिया की जगह ग्रामीणों की कोऑपरेटिव बनाकर खनन कराया जाए तो लाखों लोगों को रोजगार तो मिलेगा ही साथ ही पर्यावरण की रक्षा होगी, सरकार की राजस्व में वृद्धि होगी और आम आदमी को सस्ती बालू उपलब्ध हो सकेगी। नौजवानों को सस्ते दर पर उद्योग लगाने के लिए ऋण दिया जाए और महिला स्वयं सहायता समूह को कुटीर व लघु उद्योग के लिए ब्याज मुक्त ऋण दिया जाए तो दुद्धी से पलायन रोका जा सकता है। वन विभाग की खाली पड़ी जमीनों पर ग्रामीणों की सहकारी समितियों को फलदार वृक्ष लगाने के लिए देने से किसानों की आमदनी बढ़ेगी। मनरेगा में 200 दिन काम और 600 रूपए मजदूरी लोगों को भुखमरी की हालत से बचाएंगे। यह बातें आज ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर ने म्योरपुर ब्लॉक के विभिन्न गांवों में किए जनसंपर्क व संवाद में कहीं। आइपीएफ टीम ने रनटोला, आश्रम मोड़, खैराही, किरवानी, रासपहरी, नवा टोला, बलियारी, काचन, करहिया, किरबिल, देवरी, डडियरा, कुण्डाडीह आदि गांवों में जनसंपर्क किया।
युवा मंच प्रदेश संयोजक राजेश सचान ने हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी के सवाल को उठाते हुए कहा कि देश में यदि कॉर्पोरेट घरानों के ऊपर संपत्ति कर और उत्तराधिकार कर लगा दिया जाए तो देश के हर नागरिक के रोजगार के अधिकार की गारंटी की जा सकती है। मोदी सरकार का हर वर्ष 2 करोड़ रोजगार देने का वादा 10 सालों में जुमला ही बनकर रह गया। हालत इतनी बुरी है कि सरकारी नौकरियों में पदों को बड़ी संख्या में घटा दिया गया और जो शेष पद है उन पर भी भर्ती नहीं की जा रही है। पढ़ लिखकर नौजवान नौकरी के अभाव में अवसाद में अपनी जिंदगी जी रहे और आत्महत्या कर रहे हैं। इसलिए चुनाव में नौजवानों का मूड पूरे देश में भाजपा को हराने का है साथ ही नौजवान विपक्षी दलों से भी यह चाहते हैं कि रोजगार के सवाल पर वह अपनी स्थिति को स्पष्ट करें।
संवाद में आइपीएफ जिला संयोजक कृपा शंकर पनिका, मजदूर किसान मंच के जिला अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद गोंड, पूर्व प्रधान राजेंद्र ओयमा, पूर्व प्रधान बलवीर सिंह गोंड, साबिर हुसैन, मनोहर गोंड, युवा मंच जिलाध्यक्ष रूबी सिंह गोंड, युवा मंच म्योरपुर संयोजक सविता गोंड, मजदूर किसान मंच तहसील संयोजक राम चन्द्र पटेल, लाल बाबू भारती, सुगवंती गोंड, अंतलाल खरवार, राजकुमार खरवार, इंद्रदेव खरवार, मंगरु प्रसाद श्याम, महावीर गोंड, राम लखन गोंड आदि लोग रहे।

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