भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारी ट्रांसओशनिक अभियान के बाद गोवा लौटीं

0
97

ट्रांसओशनिक अभियान की उपलब्धि हासिल करने वाला भारत पहला देश बना

नौसेना कर्मियों ने मॉरीशस तटरक्षक बल के कर्मियों के साथ प्रशिक्षण उड़ान भरी

नई दिल्ली(हि.स.)। भारतीय नौसेना नौकायन पोत (आईएनएसवी) तारिणी लगभग दो महीने के ऐतिहासिक ट्रांसओशनिक अभियान के बाद गोवा में अपने बेस पोर्ट पर विजयी होकर लौट आया है। यह अभियान भारतीय नौसेना की महिला अधिकारी लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा अधिकारी ने डबल-हैंडेड मोड में चलाया। महिला अधिकारियों की यह असाधारण यात्रा मील का पत्थर है, क्योंकि ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाला भारत पहला देश बन गया है।

यह अभियान 28 फरवरी को गोवा से हरी झंडी दिखाकर शुरू किया गया था। हिंद महासागर के माध्यम से 22 दिनों की यात्रा के बाद आईएनएसवी तारिणी 21 मार्च को पोर्ट लुइस, मॉरीशस पहुंची। इस ऐतिहासिक क्षण को कई कार्यक्रमों के साथ मनाया गया, जहां अधिकारियों को मॉरीशस तटरक्षक और भारतीय उच्चायोग के सरकारी अधिकारियों के साथ बातचीत करने का मौका मिला। जहाज के नौसेना कर्मियों ने मॉरीशस तटरक्षक बल के कर्मियों के साथ एक प्रशिक्षण उड़ान भी भरी, जिससे द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के साथ दोनों समुद्री देशों के बीच सद्भावना को बढ़ावा मिला।

अपने अभियान के दौरान आने वाली चुनौतियों से घबराए बिना अधिकारियों ने साहस की भावना को मूर्त रूप देते हुए असाधारण समुद्री कौशल का प्रदर्शन किया। पोर्ट लुइस में कार्यक्रम के बाद लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा अधिकारी 30 मार्च को गोवा की वापसी यात्रा पर निकलीं। प्रस्थान करते समय महिला अधिकारियों को तेज हवा, प्रतिकूल समुद्री स्थितियों और समुद्र से उत्पन्न लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद अदम्य भावना और दृढ़ संकल्प ने उन्हें आगे बढ़ाया और 21 अप्रैल को आईएनएसवी तारिणी को सुरक्षित रूप से गोवा वापस पहुंचाया।

उत्तरी गोवा के नौसेना स्टेशन कमांडर और आईएनएस मंडोवी के कमांडिंग ऑफिसर ने लौटने पर आईएनएसवी तारिणी का स्वागत किया। इस मौके पर आईएनएस मंडोवी के नाव पूल पर नौसेना कर्मियों और मंडोवी स्टेशन के परिवार मौजूद थे, जो भारतीय नौसेना के भीतर सामूहिक उपलब्धि और सौहार्द्र का प्रतीक है। दोनों महिला अधिकारी आईएनएसवी तारिणी के साथ अब ‘विश्व परिक्रमा’ की तैयारी कर रही हैं, जो इस साल सितंबर में शुरू होने वाली है। यह यात्रा भारतीय नौसेना में कर्मियों की भावी पीढ़ियों को चुनौतीपूर्ण समुद्री साहसिक गतिविधियों के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here