“मुझको मोहताज किसी का नहीं होने देंगे सदनशाह बाबा

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अवधनामा संवाददाता

लाज रख लेते हैं हर एक जगह पर मेरी सदनशाह बाबा”

उर्स के तीसरे दिन सहरी तक जमी रही महफिल

ललितपुर। महान सूफी सन्त हजरत बाबा सदनशाह रहमतउल्लाह अलैह की दरगाह पर चल रहे सालाना उर्स इजलास के तीसरे दिन श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। सभी धर्म के श्रद्धालुओं ने बाबा की दरगाह पर चादर चढ़ाकर मन्नतें मांगी। मशहूर फनकार सरफराज चिश्ती की कव्वालियों ने अपने फन का ऐसा जादू बिखेरा कि लोग झूमने पर मजबूर हो गए। श्रोता कव्वालियों का लुत्फ उठाते रहे। अजीम सूफी सन्त हजरत सदनशाह रहमत उल्ला अलैह के सालाना उर्स के मौके पर मंगलवार की रात मशहूर फनकार सरफराज चिश्ती की महफिल सजी रही। उन्होंने रात से सहरी तक खुदा और नवी की शान व ख्वाजा और बाबा सदन की शान में मनकवत का पढ़ी। इसके बाद गजल का दौर चला। सरफराज चिश्ती समां बांधे रहे। सबसे पहले उन्होंने खुदा की शान में नात ए हम्द पढ़ी। इसी दौरान नवी के मर्तबा को बताते हुये नाते पाक पढ़ी। इसके बाद उन्होंने जैसे ही बाबा सदन की शान में पढ़ा- मुझको मोहताज किसी का नहीं होने देंगे सदनशाह बाबा, लाज रख लेते हैं हर एक जगह पर मेरी सदनशाह बाबा, मिटाने वाले तो कब का मिटा देते, बचाने वाले साथ साथ रहते हैं, लाज रख लेते हैं मेरे सदनशाह बाबा। जिसको श्रोताओं ने मंत्रमुग्ध होकर सुना और बाबा की शान में नारे लगाने शुरु कर दिये और नोट की बारिश कर दी। कव्वालियों का सिलसिला सहरी तक चलता रहा। मंच का संचालन जनरल सैकेट्री मोहम्मद नसीम और शकीर अली व अरमान कुरैशी ने सयुंक्त रूप से किया। आभार नायाब सदर अब्दुल रहमान कल्ला ने किया।
कमेटी ने किया अतिथियों का स्वागत
राज्यमंत्री मनोहरलाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चंद्रभूषण सिंह बुंदेला गुडडू राजा, पूर्व जज शिशिरकान्त चौबे, असलम कुरैशी का कमेटी के पदाधिकारियों ने पकड़ी बांध बैज लगाकर और फूल मालायें पहनाकर स्वागत किया। सभी अतिथियों कहा कि जिले में हजरत बाबा सदनशाह रहमत उल्लाह अलैह कौमी एकता कि मिशाल हैं और आगे इसी तरह इस मिशाल को कायम रखना है।

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