समय पूर्व रिहाई विषय पर विधिक साक्षरता शिविर संपन्न

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अवधनामा संवाददाता

ललितपुर। जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चन्द्रोदय कुमार के निर्देशानुसार एडीजे/सचिव कुलदीप सिंह तृतीय की अध्यक्षता में जिला कारागार में निरूद्ध बन्दियों को समय पूर्व रिहाई विषयक विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विभान्शु सुधीर, सचिव कुलदीप सिंह-तृतीय, जेल अधीक्षक लाल रत्नाकर सिंह, चिकित्साधिकारी डा.विजय द्विवेदी जेल में निरूद्ध बन्दीगण एवं जिला कारागार के कर्मचारीगण उपस्थित हुये। सिद्धदोष बंदियों को समयपूर्व रिहाई के बारे में सचिव कुलदीप सिंह तथा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विभांशु सुधीर एवं जेल अधीक्षक के द्वारा बंदियों को समयपूर्व रिहाई की प्रक्रिया बताई गयी। विशेष रूप से आजीवन सिद्धदोष बंदियों को बताया गया कि न्यायालय द्वारा दी गयी सजा की अवधि से पहले उनके अच्छे कार्य और आचरण पर शासन के आदेश से समय से पूर्व रिहा करने की व्यवस्था है। इसके लिए कारागार में किसी भी बंदी के लिए 14 साल की सजा व्यतीत करना जरूरी है। कोई भी बंदी जिसने अपनी सजा के 14 साल व्यतीत कर लिए हैं, वह फार्म ए के आधार पर, नामिनल रोल के आधार पर, दया याचिका के आधार पर तथा जेल मैनुअल के अध्याय 13 के द्वारा समयपूर्व रिहाई हेतु पात्र होता है। रिहाई से पूर्व बदियों का फार्म भरा जाता है जिसके तहत बंदियों का विभिन्न शासनादेश के आलोक में जेल रिपोर्ट तैयार कर तथा उसके निर्णय की कापी के साथ जिलाधिकारी तथा मुख्यालय लखनऊ को पत्र प्रेषित किया जाता है। इसके अतिरिक्त शासन की स्थायी नीति 01 अगस्त 2018 के द्वारा भी आजीवन सिद्धदोष बंदियों को समयपूर्व रिहाई से संबंधित प्रक्रिया भी बतायी गयी। सीमित सजा से दण्डित सिद्धदोष बंदियों को जेल मैनुअल के अध्याय 12 के तहत पुनरीक्षण बोर्ड के तहत गठित समिति के माध्यम से छोडऩे के बारे में बताया गया। कैंप के माध्यम से समयपूर्व रिहाई के साथ साथ बंदियों को नि:शुल्क अधिवक्ता के बारे में बताया गया तथा जुर्म इकबाल के लिए बंदियों पूछा गया। इस मौके पर जेल अधीक्षक लाल रत्नाकर सिंह, जेलर जीवन सिहं तथा डा.विजय द्विवेदी तथा उपकारापाल उपस्थित थे। सचिव ने निरूद्ध बन्दियों को अवगत कराया कि वे अधिवक्ता की उपलब्धता हेतु एवं अन्य प्रकार की समस्या हेतु कारापाल के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को प्रार्थना पत्र प्रेषित करें। अन्त में जेल अधीक्षक लाल रत्नाकर सिंह ने आभार जताया।

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