लखनऊ। प्रदेशवासियों को सस्ती और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अगले वित्तीय वर्ष के बजट में 57,070.77 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। गर्मियों में किसी को बिजली कटौती से न जूझना पड़े इसके लिए अबकी पिछले बजट की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक (दो हजार करोड़) रुपये दिए गए हैं।
निजी नलकूप उपभोक्ताओं को रियायती दरों पर बिजली के लिए भी पिछली बार के बजट से 20 प्रतिशत अधिक 1800 करोड़ रुपये रखे गए हैं। वर्ष 2022 में योगी की सत्ता में वापसी के बाद के पहले बजट में जहां ऊर्जा क्षेत्र के लिए 48,505 करोड़ रुपये रखे गए थे, वहीं चालू वित्तीय वर्ष में 54,797.54 करोड़ रुपये दिए गए थे।
अगले वित्तीय वर्ष के बजट में ऊर्जा क्षेत्र के बजट को और बढ़ाकर 57,071 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं। इसमें से 660 मेगावाट की हरदुआगंज परियोजना के लिए 102.9 करोड़, 1000 मेगावाट की अनपरा डी के लिए 25.08 करोड़, 1600 मेगावाट की अनपरा ई के लिए 50 करोड़, 1600 मेगावाट की ओबरा डी के लिए 50 करोड़, रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के लिए 100 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
बिजली आपूर्ति व्यवस्था सुधारने के लिए जहां इसी वर्ष 31,500 मेगावाट पारेषण क्षमता करने का लक्ष्य है, वहीं ग्रीन एनर्जी कारिडोर-2 परियोजना के तहत बुंदेलखंड क्षेत्र में चार हजार मेगावाट क्षमता वाले सोलर पार्क के विकास का भी लक्ष्य है। अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत के तहत पीएम कुसुम घटक सी-1 में निजी आनग्रिड पंप के सोलराईजेशन के लिए भी बजट में 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति-2022 के क्रियान्वयन के लिए बजट में 60 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।