जिले में स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान का शुभारम्भ

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अवधनामा संवाददाता

13 फरवरी 2024 तक चलेगा कुष्ठ जागरूकता पखवाड़ा

‘‘भेदभाव का अंत करे सम्मान को गले लगाए’’ थीम के साथ जनजागरूकता की शपथ

कुशीनगर। कुष्ठ न कोई अभिशाप है और न ही पूर्व जन्मों का पाप। यह एक बीमारी है जिसकी समय से पहचान हो जाए तो इलाज संभव है । बीमारी की पहचान और इलाज में देरी से यह दिव्यांगता का रूप ले सकता है जिससे जीवन बोझ बन जाता है।

उक्त बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुरेश पटारिया ने स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान का शुभारम्भ करते हुए मंगलवार को कहीं । उन्होंने सीएमओे कार्यालय सभागार में महात्मा गांधी के चित्र पुष्पांजलि अर्पित तथा श्रद्धांजलि सभा भी की। वहीं पर डीएम का संदेश भी सुनाया। ‘‘भेदभाव का अंत करे सम्मान को गले लगाए’’ थीम के साथ जनपद के सभी स्वास्थ्य इकाइयों और सरकारी विभागों में जनजागरूकता की शपथ भी ली गयी । रोग से घृणा करें, रोगी से नहीं का संदेश दिया गया। शान्तनु इंटरमीडिएट कालेज रविंद्रनगर घूस के छात्रों द्वारा रैली निकाल कर स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान एवं कुष्ठ पखवाड़ा का शुभारंभ किया गया। यह अभियान 13 फरवरी 2024 तक चलेगा। जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ. रामदास कुशवाहा ने कुष्ठ रोग को जनपद से समाप्त करने के लिए सभी लोगो से अपील की तथा कुष्ठ रोग के भ्रांतियों के बारे में बताया की समाज मे अभी भी कुछ लोगों को ये अंधविश्वास है कि वंशानुगत कारणों, अनैतिक आचरण, अशुद्ध रक्त, खान-पान की गलत आदतें जैसे सूखी मछली खाने, पूर्वपापकर्म आदि कारणों से कुष्ठ रोग होता है जो कि पूर्णतया गलत तथ्य है। इन सभी भ्रांतियों को मिटाने के लिए इस अभियान को चलाया जा रहा है। जिला कुष्ठ परामर्शदाता डाॅ. विनोद कुमार मिश्र ने बताया कि चमड़ी के रंग से हल्के रंग का सुन्न दाग धब्बा जिसमें पसीना न आता हो, कुष्ठ रोग हो सकता है । हाथ पैर के नसों में मोटापन, सूजन, झनझनाहट, तलवों में सुनापन, पूरी क्षमता से काम न कर पाना, चेहरा, शरीर व कान पर गांठ, हाथ, पैर और उंगुली में टेढ़ापन कुष्ठ रोग के लक्षण हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत आशा कार्यकर्ता और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) से सम्पर्क कर जांच व इलाज कराना चाहिए।

पांच से अधिक दाग धब्बे हो तो कुष्ठ रोग की है पहचान

अगर शरीर पर दाग धब्बों की संख्या पांच से अधिक है और नसें भी प्रभावित हुई हों तो यह मल्टी बेसिलाई एमबी कुष्ठ रोग होता है और इसका भी इलाज बारह महीने में हो जाता है। कुष्ठ रोग माइक्रो बैक्टीरियम लेप्रे नामक जीवाणु के कारण होता है। कुष्ठ रोगी से भेदभाव करने की बजाय उसे प्रेरित करें कि वह इलाज कराए।

कुष्ठ दिव्यांग रोगियों को निःशुल्क मिलने वाली सुविधाए

एम सी आर चप्पल
सेल्फ केयर किट
एमडीटी आदि दवाईया
निःशुल्क रीकन्स्ट्रक्टिव ऑपरेशन करवाने के पश्चात क्षतिपूर्ति
कुष्ठ दिव्यांग 3500 रुपये मासिक पेंशन
रोगी अथवा उनके बच्चों को योग्यतानुसार ट्रेनिंग।

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