गोसाईंगंज: दावे फेल, अलाव की लकड़ी में भी हो रहा खेल

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अवधनामा संवाददाता

 

गोसाईंगंज- अयोध्या। कड़कड़ाती ठंड पड़ रही है। न्यूनतम तापमान दस से 13 डिग्री सेल्सियस के बीच है। राहगीरों, रिक्शा चालकों, नुक्कड़ चौराहे पर ठंड से बचाव के लिए रोजाना हजारों रुपये की लकड़ी जलवाई जा रही है। नगर पंचायत की यह लकड़ी केवल कागजों में जल रही है। रविवार की रात को पत्रकार टीम ने पड़ताल की तो में रोडवेज बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और मडहापुल दीनदयाल चौक के पास सुगलती हुई अलाव की कुछ लकड़ी दिखाई दी। इसके अलावा भीटी तिरहा पर राख पड़ी हुई थी। टीम ने रात को 12 मुख्य स्थानों को देखा। अन्य किसी स्थान पर न तो अलाव जलता हुआ दिखाई दिया। और न ही अलाव के कोई साक्ष्य यानी राख पड़ी मिली। आसपास के रिक्शा चालक, दुकानदार व अन्य लोगों से जानकारी की। उन्होंने बताया कि यहां बमुश्किल चार से पांच दिन में नगर पंचायत की ओर से लकड़ी डाल दी जाती है। वही एक सभासद ने बताया कि अलाव जलनें में भूसी, डीजल, टायर का भी पैसा नगर पंचायत की तरफ से मिलता है। लेकिन केवल लकड़ी डालकर चले जाते हैं जलने की जिम्मेदारी राहगीरों एवं आसपास के लोगों की होती है। ठेकेदार केवल खड़े होकर तमाशा देखते हैं इसमें अपनी दबंगई दिखाते हैं जिसको जो कुछ करना हो कर ले हम किसी से डरते नहीं है। सभासदों के घर में भी पहुंचाई जाती है‌ । नगर पंचायत कर्मचारी उसे जलाते नहीं है, तो आसपास के लोग उसे उठाकर ले जाते हैं। वैसे नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी ने बताया कि पूरे नगर में 35 स्थान पर अलाव जल रहा है लेकिन हमने जब जांच किया तो 10 स्थान पर अलाव नहीं दिखा। अलाव जलाने का ठेका जब सभासद लेंगे तो घर जानी मनमानी का काम होगा इसमें अधिषाशी अधिकारी भी सभासद को कुछ बोल नहीं सकते हैं।

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