अवधनामा संवाददाता
बेंगलुरु। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि दुनिया आज महाशक्तियों को संतुलित करने के लिए भारत जैसा देश चाहती है। विदेश मंत्री बेंगलुरु में पीईएस विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार की विदेश नीति, कश्मीर मुद्दे और अपनी पुस्तक व्हाई भारत मैटर्स पर अपने विचार रखे।
विदेश मंत्री ने कहा ”आज, भारत की साख दुनिया में लगातार बढ़ रही है। आज दुनिया वास्तव में स्थापित शक्तियों को संतुलित करने के लिए हमारे जैसा देश चाहती है।” उन्होंने कहा कि अब हम अपने स्टैंड पर कायम रहते हैं फिर चाहे वह यूक्रेन मसला हो या हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता का। हमारे ऊपर रूस के साथ व्यापारिक-आर्थिक लेनदेन रोकने और क्वाड में शामिल नहीं होने का दबाव था लेकिन हम दोनों के खिलाफ मजबूती से खड़े रहे।
कश्मीर मुद्दे पर उन्होंने कहा कि 1948 में इस मसले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले जाना एक बड़ी गलती थी। हमें उन देशों के एक समूह ने धोखा दिया था, जिन्होंने अपने भू-राजनीतिक एजेंडे और कश्मीर में असुरक्षा के मुद्दे का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर असुरक्षा की खिड़की बंद कर दी और अब कोई मूर्ख ही इसे खोलने की कोशिश कर सकता है।
मोदी के कार्यकाल और उससे पहले के समय की विदेश नीति के बीच अंतर पर जयशंकर ने कहा- ”इसका जवाब सोचने का नया तरीका है। उदाहरण के लिए, हमारे पड़ोसियों को लें। उन्हें भागीदार बनाएं न कि ऐसा प्रतिस्पर्धी जो आपसे ईर्ष्या करे। ऐसे पड़ोसी बनाएं जो आपसे लाभान्वित हों। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह अमेरिकी राजदूत के साथ अपनी अगली बैठक में बेंगलुरु में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास खोलने का मुद्दा उठाएंगे।