नयन से नीर बहता है ह्रदय में पीर उठती है शायर अशोक तिवारी

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अवधनामा संवाददाता

सोनभद्र /ब्यूरो सोनभद्र चुर्क गुरु वार को मानस यज्ञ नवाह्रन समापन बाद अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन रामलीला समिति के तत्वावधान में आयोजित किया गया वाणी वंदना ईश्वर विरागी ने,कपट कपाट काट कटु वाणी मां शारदे सुनाया,तदुपरांत वाग्देवी सरस्वती पूजा की अर्चना गौतम भारद्वाज कथा वाचक अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार जगदीश पंथी ओमप्रकाश यादव प्रदुम्न तिवारी नगर पंचायत अध्यक्ष मीरा यादव व संचालक दिलीप सिंह दीपक प्रधानगण के द्वारा माल्यार्पण व कवियों का सारस्वत अभिनंदन किया गया,ओज व राष्ट्रवाद के मुखर स्वर प्रदुम्न तिवारी ने करुणा से कविता का उद्गम को रेखांकित करते हुए,नयन से नीर बहता है ह्रदय में पीर उठती है,किसी दुष्यंत के खातिर शकुन्तला जब भी रोती है। तभीं कवि की मुखर वाणी संवेदनशील भावों से, कोई कविता उतरती है औ जन कल्याण करती है सुनाया वाहवाही लूटी। यथार्थ विष्णु ने, भीड़ में ढूंढ पाना है मुश्किल यहां,सब मुखौटा यहां हैं लगाये हुए,सुनाकर दिशा दशा को दर्शाया।वीर रस के कवि प्रभात सिंह चंदेल ने,पूरी दुनिया में मोहब्बत का पैगाम लिख देना,हो जाऊं अगर कुर्बान मां भारती के चरणों में, मेरे माथे पर भारत महान लिख देना सुनाकर देशभक्ति का संचार कर जागरण किया।शायर अशोक तिवारी ने, दर्द दिल का उतर जाये तो कोई बात करूं, सुनाया और विसंगतियों को उजागर किया। जयराम सोनी ने,गायें के विकास खातिर खड़ा भैली प्रधानी में, सुनाकर खूब हंसाये। गंभीर शायरी करते हुए अब्दुल ह ई ने,दामन में में रे यूं तो पैबंद हज़ारों, लेकिन खुदा का शुक्र है धब्बा नहीं कोई सुनाकर समाज को आईना दिखाया। कवयित्री कौशल्या चौहान ने संकल्पित रचना,हम एक हैं कभीं बिखर नहीं सकते सुनाकर सद्भावना का संदेश दिया। चंदौली से पधारे मनोज मधुर ने क ई रचनाओं का वाचन कर महफ़िल लूट लिया उनकी रचना, मेरी हर सांस मीरा का भजन तुलसी की चौपाई,जपूं जो वाल्मीकि सा मरा भी राम हो जाये,काफी सराही गई।विरागी गीतकार ने, स्वप्न नित नूतन सजाते चलें, सिद्ध नाथ पांडेय ने, सदियों से जो रुका था मंदिर अवध में बन रहा, सुनिल चौचक ने,थाने में जब जेबा कटि गैल का कंडा कुबरी लाठी से सुनाकर विद्रूपता को रेखांकित करते हुए खूब हंसाये। मिर्ज़ा पुर से आये नरसिंह साहसी ने पैरोडी,इधर घुसा जाय कि उधर घुसा जाय,दल बदल के आम मीठा चूसा जाय। सुनाया और राजनीति को दर्पण दिखाकर हंसाते हंसाते लोटपोट कर दिये। गोरखपुर से आई श्रेष्ठ कवयित्री अनुपमा वाणी ने,आओ हम तुम पंख लगाकर , उन्मुक्त गगन में उड़ जायें,सुनाकर कल्पना शक्ति को उड़ान दी और खूब तालियां बटोरी। हास्य व्यंग के चितेरे अजय चतुर्वेदी काका ने,जिसका जैसा पद हैं भाई उसका वैसा कद है भाई, सुनाया और लोगों को सोचने पर बिवस कर संदेश दिया। राकेश शरण मिस्र ने,धन दौलत ऐश्वर्य के मालिक अब तो चोर लुटेरे हैं सुनाकर सत्ता को आईना दिखाया। दयानंद दयालू, दिनेश चौबे दिलीप सिंह दीपक ने भी काव्य पाठ किया। दिवाकर मेघ की रचना,आइ हो दादा ई का से का होइ ग इल।आदमी देखा आज बेहया हो गई ल। सुनाकर आदमीअत को बल दिये और सराहे गये। अध्यक्षीय काव्य पाठ करते हुये श्रृंगार का गीत,तुम्हारी आंख का काजल सिंदूरी हो न जाये, इसलिए यहां मैं गा रहा हूं,करतल ध्वनियों के बीच सुनाकर पूर्णता प्रदान किये और आयोजन स्थगित किया गया,इस अवसर पर झुन्नी सेठ राजन सिंह ब्लाक प्रमुख संजय जायसवाल संजय सिंह सूरज चंद्र वंशी अंशू खत्री आदि सैकड़ों लोग भीषण जाड़ कुहले में देर शाम तक जमे रहे।

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