नारी सशक्तिकरण

0
1581

एस.एन.वर्मा

जिस देश में नारी को पूज्य माना जाता है वहा दो दशक पहले नारियों की हालात चिन्ताजनक थी। हर तरह को दुरूव्योहार और अत्याचार उनकी नियति थी। धीरे धीरे नारियों में शिक्षा बढ़ी, बाहर काम करने की घरो से इंजाजत मिलने लगी। हर तरह की नौकरियांे मेें आज नारियां कर रही है। आर्थिक दबाव ने परिवार ने स्त्रियों को शिक्षा और नौकरियां लेने के लिये आगे बढ़ाना, शुरू किया। भारत जबसे आजाद हुआ नारी को लेकर बेहतरी की बहुत बातें हुई पर ठोस कुछ नहीं किया जा सके। 2014 में जबसे भाजपा की सरकार आई है मोदी के नेतृत्व में महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में बराबर कार्य हो रहा है।
19 सितम्बर 2023 के दिन मोदी सराकर ने महिलाओं को आरक्षण देने वाला बिल सदन में पेश किया गया था। तबसे मलिाओं को सुरक्षा सम्मान और सहभागिता बढ़ाने के दिशा में ठोस काम हो रहा है। 2024 के आम चुनाव को लेकर विपक्ष मोदी सरकार के हर कामों को राजनीति के तहत नकारने और पर आलोचना करने में लगा है। मोदी सरकार जनता को अपनी उपलब्धियां बताने में खुद लगे है और कार्यकर्ताओं को उपब्धियों को जन जन तक पहुंचाने का दायित्व दे दिया है। सम्पर्क यात्रा के जरिये कार्यकर्ता लोगो तक पहुंचा रहे है और सरकार की उपलब्धियां बता रहे है।
सरकार ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम सदन में पास करा कर नारियों को संवैधानिक अधिकार दे दिया है। मोदी का नारा है सबका विकास अब नारियां पुरूषों से कन्धा मिला कर हर दिशा में काम करेगी। अधिनियम में उनमें आत्मविश्वास और ताकत दे दिया है। यो तो भारत के प्राचीन इतिहासों और धार्मिक ग्रन्थों में नारी के सम्मान की बहुत बाते है। सभी जानते है जब शंकराचार्य शास्त्रार्थ में सबकोे हराते बनारस पहुंचे तो मन्डन मिश्र को हराया मन्डन मिश्र की पत्नी ने आगे आकर कहा आपने हमारे पति को हराया है, मै उनकी अर्धागिनी हॅू मुझे भी हराये तब आप की जीत पूरी मानी जायेगी। शंकराचार्य तैयार हो गये। पत्नी ने सोचा ये सन्यासी है गृहस्थ जीवन की पूरी बातें नहीं जानते होगे। उन्होंने अपना शस्त्रार्थ स्त्री पुरूष के सम्बन्धों पर केन्द्रिय कर दिया। शंकराचार्य ने हार मानते हुये एक निश्चित तारीख दी कहा इस दिन आऊंगा इस पर शास्त्रर्थ करूगा। शंकराचार्य इस विद्या को सीख कर आये और मन्डन मिश्रा की पत्नी को हराया। मतलब नारियां विदुषी थी, सम्मानजनक स्थिति में थी। धीरे-धीरे इसमें विकृति आती गयी। पुरूष प्रधान समाज बन गया।
नारियों को उचित स्थान दिलाने के लिये पहले से भी सामाजिक हास्तियां लगी हुई थी। राजाराम मोहन राय ऐसे लोग आये। नारियों को विधवा विवाह की अनुमति मिली। सती प्रथा से निजात मिली। आजादी की लड़ाई में बहुत सी विदुषियां थी। पुराने आदरणीय नेता नारी स्वतन्त्रता के हिमायती थे। पर ठोस कार्य मोदी सरकार के काल में शुरू हुआ जो आगे बढ़ता जा रहा है। सबका साथ सबका विकास उनका नारा है। महिलाओं ने प्रधानमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया। विधान सभा की चुनाव में स्त्रियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। भाजपा के प्रति उनमें ज्यादा झुकाव देखने को मिला।
अब निर्णय और नीते निर्धारण में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित हो गई है। महिला सशक्तिकरण बिल को विपक्षी प्रधानमंत्री का राजनैतिक एजेन्डा कह कर मोदी और बिल का महत्व कम करने के लिये आगामी चुनाव के परिप्रेक्ष में लगे हुये है। पर उन्हें कोई ठोस विकल्प नहीं सूझ रहा है।
अब भाजपा के शासन काल में नारी सम्बन्धित सारी योजनाओे का पैसा सीधे उनके बैंक खातों में जा रहा है। देश में 11 करोड़ परिवार ऐसे थे जिनके पास शौचालय नहीं था। शौचालय न होने से ज्यादा असुविधा महिलाओं को होता था खास कर जवान बहु-बेटियो को। भाजपा सरकार ने पहले पांच साल के अन्दर 11 करोड़ 72 लाख शौचालय बनाकर रिकार्ड कायम कर दिया। इससे माताओं, बहनों और बेटियों का सम्मान बढ़ा सशक्तिकरण बढ़ा। देश के 10 करोड़ परिवारों के पास गरीबी की वजह से गैस नही थे। मजबूरन लकड़ियों और कोयले से खाना बनाना पड़ता था। सेहत के साथ-साथ सबसे ज्यादा नुकसान उनकी आंखों को होता था ज्यादा समय भी लगता था। इसके काट में सरकार ने 10 कारोड़ घरों में मुफ्त एलपीजी कनेक्शन देकर महिलाओं के गिरते सेहत और खराब होती आंखो से बचाया। निश्चय ही धूये से निजात पाकर ये स्त्रियां सशक्त हुई। रसोई से बचे समय को दूसरे रचनात्मक कार्यो मंे लगाने और अतिरिक्त अर्थ कमाने में लगाने के अवसर मुहैया कराया है।
गरीब तबको के पास घर नही था झोपड़ियां थी। उन्होंने तीन करोड़ से ज्यादा महिलाओं को घर दिलाकर उन्हें सशक्त किया। देश में 12 करोड़ घर ऐसे थे जहां पीने के पानी की व्यवस्था नही थी। इन 12 करोड़ में नलो से पानी पहुचाने का काम किया गया। कुछ परिवार भुखमरी के कगार पर थे मोदी सरकार ने 80 करोड़ लोगो को प्रति व्याक्ति प्रति माह 5 किलो अनाज मुफ्त देने की व्यवस्था की। इन सबसे परिवार के महिलाओं को बड़ी राहत मिली है और सशक्त होकर उभरी है। सरकार यही नही रूकी 3 करोड़ 78 लाख सुकन्या समृद्धि खाते खोले 3 करोड़ महिलाओं को वन्दन योजना के तहत फायदा पहुचावा। 26 सप्ताह का मातृत्व अवकाश देने का प्रावधान किया गया है।
प्रधानमंत्री द्वारा महिलाओं को सशक्त बनाने का फल है कि नारियां सेना में पद सम्भाल रही है। दुनियां में महिला पायलटो की संख्या 5 प्रतिशत है भारत में यह संख्या 15 प्रतिशत है। नारी सशक्तिकरण का यह प्रमाण है। भाजपा विकसित भारत संकल्प यात्रा के जरिये लोगो अपनी उपलब्धियां पहुचा रही है।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here