अवधानामा जिला संवाददाता हिफजुर्रहमान
सरकारी अनुदान प्राप्त मदरसों के शिक्षकों की शैक्षिक योग्यता की होगी जांच।
हमीरपुर : मदरसो की जांच का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है। अभी विगत वर्षो मे मदरसों की जांच करवाई गयी थी लेकिन अब फिर उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी अनुदान प्राप्त प्रदेश के सभी मदरसों के शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों की शैक्षिक योग्यता और वहां उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं की स्थिति की जांच करने के आदेश दिए हैं हालांकि कि उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष इफ्तिखार अहमद जावेद ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि मदरसों की जांच अब एक ‘नियमित प्रक्रिया’ बन गयी है और बार-बार जांच होने से मदरसों में शिक्षण कार्य तथा अन्य गतिविधियों में व्यवधान पड़ता है।
प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के निदेशक जे. रीभा ने राज्य के सभी विभागीय मंडलीय उपनिदेशकों और सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को पत्र भेजा था। इस पत्र में उन्होंने लिखा कि मदरसों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए गुणवत्ता परक शिक्षा सुनिश्चित करने और उनमें अन्वेषणात्मक, रुचि पूर्ण एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित किए जाने तथा समाज की मुख्य धारा में शामिल करने के लिए मदरसों में आधारभूत सुविधाएं एवं योग्य शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराया जाना आवश्यक है। पत्र में उन्होंने इसको सुनिश्चित करने के लिए सबसे पहले प्रदेश सरकार द्वारा अनुदान प्राप्त मदरसों के भवनों, आधारभूत सुविधाओं एवं कार्यरत शिक्षक तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के शैक्षिक अभिलेखों की जांच करा ली जाए।’’ पत्र में यह जांच पूरी करके 30 दिसंबर तक मदरसा शिक्षा बोर्ड के रजिस्ट्रार को रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए गए हैं।
❤️जनपद में 44 मान्यता प्राप्त तथा 10 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे चल रहे है।
उत्तर प्रदेश में वर्तमान समय में लगभग 25,000 मान्यता प्राप्त एवं गैर मान्यता प्राप्त मदरसे संचालित किये जा रहे हैं। इनमें से 560 मदरसों को राज्य सरकार से अनुदान मिलता है। जनपद हमीरपुर में 44 मदरसे मान्यता प्राप्त है इन में 34 स्थाई मान्यता प्राप्त है तथा एक मदरसे को सरकार से अनुदान मिलता है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के निदेशक ने पत्र में यह भी लिखा कि प्रदेश में स्थित मदरसों में अब भी आधारभूत सुविधाओं का अभाव है और वहां पढ़ रहे बच्चों को गुणवत्ता परक वैज्ञानिक एवं आधुनिक शिक्षा प्राप्त नहीं हो पा रही है जिसके कारण छात्रों को रोजगार के समुचित अवसर उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं।
❤️क्या कहना है अल्पसंख्यक अधिकारी का।?
जिला अल्पसंख्यक अधिकारी हिमांशु अग्रवाल नें बताया कि निदेशालय से पत्र आया है जिस के अनुसार 30 दिसंबर 2023 तक अनुदान प्राप्त मदरसो की जांच कर आख्या भेजनी है उन्होंने कहा कि चूंकि जनपद में अनुदान प्राप्त एक ही मदरस है जिस की जांच हेतु जिलाधिकारी द्वारा एक समिति गठित की जाएगी जो शीघ्र अनुदान प्राप्त मदरसे के हर पहलु पर बारीकी से जांच कर आख्या प्रेषित कर दी जाएगी। पिछले वर्ष की जांच में 10 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त पाए गये थे जो अभी भी संचालित है।