लखनऊ।(Lucknow) यूपी को सेहतमंद बनाने के लिए 698 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की जाएगी। फ्रेज थ्री में बनाए जा रहे 13 स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों में डॉक्टरों व कर्मियों के वेतन के लिए 174 करोड़ रुपये के धनराशि की व्यवस्था की गई है।
बिजनौर, कुशीनगर, सुलतानपुर, गोंडा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, चंदौली, बुलंदशहर, सोनभद्र, पीलीभीत, औरैया, कानपुर देहात व कौशांबी में इन मेडिकल कालेजों का निर्माण कार्य चल रहा है। अगले शैक्षिक सत्र से यहां पर एमबीबीएस की पढ़ाई भी शुरू होगी। ऐसे में विभिन्न विभागों के लिए स्टाफ की व्यवस्था पर जोर दिया जा रहा है।
वहीं, गोरखपुर में गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर (पीजी) पाठ्यक्रमों की पढ़ाई शुरू करने के लिए जरूरी जरूरी उपकरण, फर्नीचर व अन्य सामग्री खरीदने के लिए 10 करोड़ रुपये की धनराशि दी गई है। वहीं राजकीय आयुष चिकित्सालयों में निर्माण कार्यों के लिए 75 लाख रुपये की धनराशि दी गई है।
शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में होम्योपैथिक चिकित्सालयों में कर्मचारियों की कमी दूर करने के लिए आउटसोर्सिंग पर कर्मचारी रखे जा रहे हैं और इनके मानदेय भुगतान के लिए 11 करोड़ रुपये की धनराशि की व्यवस्था की गई है। वहीं गाजीपुर, देवरिया, फतेहपुर, सिद्धार्थनगर, मीरजापुर व बदायूं इत्यादि के राजकीय मेडिकल कालेजों को छात्रवृत्ति, जरूरी उपकरण और वेतन इत्यादि देने के लिए 474 करोड़ रुपये की व्यवस्था अनुपूरक बजट में की गई है।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा खाद्य पदार्थों व दवाओं में मिलावट की जांच के लिए बनाई जा रहीं प्रयोगशालाओं और मंडलीय कार्यालयों के निर्माण कार्यों को पूरा करने के लिए 26 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की जाएगी। फिलहाल इनका निर्माण कार्य पूरा होने से मिलावट की जांच में और तेजी आएगी। धंधेबाजों पर और सख्त शिकंजा कसा जाएगा।