नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में छठे भारत-जापान इंडो-पैसिफिक फोरम में बोलते हुए हाल के वर्षों में लगातार बढ़ती भारत-जापान साझेदारी पर प्रकाश डाला। यह क्वाड, आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन पहल, स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी और सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला साझेदारी जैसी व्यवस्थाओं में परिलक्षित होता है।
जयशंकर ने 16 नवंबर को आयोजित मंच पर उन्होंने कहा कि हम इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (आईपीईसी) जैसी बहुपक्षीय पहल में भी शामिल हुए हैं।
विदेश मंत्री ने एक विश्वसनीय और लचीली वैश्विक अर्थव्यवस्था बनाने के लिए इन व्यवस्थाओं को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, जापान ने भारत की आर्थिक विकास की कहानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना जारी रखा है क्योंकि यह भारत के विभिन्न राष्ट्रीय अभियानों और प्रमुख पहलों में सक्रिय रूप से शामिल है।
जयशंकर ने कहा, “बुनियादी ढांचे का विकास, आईसीटी और डिजिटलीकरण, ऊर्जा, अंतरिक्ष, खाद्य प्रसंस्करण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा और अनुसंधान एवं विकास सहयोग विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।”
विदेश मंत्री एस जयशंकर कहा, “हम रक्षा उपकरण और प्रौद्योगिकी सहयोग के विस्तार की भी गुंजाइश देखते हैं।उन्होंने कहा, “2023 दोनों देशों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण वर्ष रहा है क्योंकि उन्होंने क्रमशः जी20 और जी7 की अध्यक्षता की।”
G20 की अध्यक्षता ग्रहण करते समय, भारत ने दो अंतरराष्ट्रीय संगठनों, G20 और G7 के अध्यक्ष के रूप में असाधारण स्तर की जिम्मेदारी संभाली। हमने एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य के अपने दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में, केवल कुछ लोगों के संकीर्ण हितों पर नहीं, बल्कि कई लोगों की प्रमुख चिंताओं पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास किया।