लखनऊ । अपर मुख्य सचिव राजस्व सुधीर गर्ग ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के विभिन्न राजस्व न्यायालयों में लम्बित राजस्व वादों के त्वरित और समयबद्ध निस्तारण के लिए 60 दिन का विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिये थे।
राजस्व मामलों के निस्तारण में अनियमितता, लेटलतीफी और लापरवाही बरतने पर शासन ने अयोध्या, वाराणसी, सहारनपुर, आजमगढ़, अलीगढ़ और बस्ती सहित सात मंडलायुक्तों से जवाब तलब किया है। वहीं बागवत, शामली, मुजफ्फनगर, हापुड़, चित्रकूट, ललितपुर और अमरोहा के जिलाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा है।
मुख्यमंत्री की ओर से गत दिनों अक्तूबर महीने में राजस्व मामलों के निस्तारण की समीक्षा की गई। समीक्षा में सामने आया कि सात मंडलायुक्तों और सात जिलाधिकारियों की ओर से राजस्व वादों के निस्तारण में लेटलतीफी के साथ अनियमितता की जा रही है। अपर मुख्य सचिव राजस्व सुधीर गर्ग ने बताया कि वाराणसी, सहारनपुर, आजमगढ़, बस्ती, चित्रकूट, अयोध्या और अलीगढ़ मंडलायुक्त के स्तर से राजस्व वादों का निस्तारण की रफ्तार धीमी है। बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर, हापुड़, चित्रकूट, ललितपुर और अमरोहा जिलाधिकारियों की ओर से भी राजस्व मामलों के निस्तारण में लापरवाही बरती गई है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन ने लापरवाह अधिकारियों से जवाब तलब किया है। उन्होंने कहा कि लंबित राजस्व वादों का समयबद्ध निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि जवाब संतोषजनक न मिलने पर मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
सुधीर गर्ग ने बताया कि वाराणसी मंडल में चार राजस्व न्यायालयों में 440 लंबित राजस्व वादों में से 82 वादों का ही निस्तारण किया गया। सहारनपुर मंडल में चार राजस्व न्यायालयों में 280 में से 54 वादों और आजमगढ़ मंडल के पांच राजस्व न्यायालयों में 481 में से 126 वादों का ही निस्तारण किया गया। अलीगढ़ मंडल में तीन राजस्व न्यायालयों में लंबित 280 में से 83 वादों का ही निस्तारण किया गया। बस्ती मंडल के तीन राजस्व न्यायालयों में लंबित 280 में से 114 वादों का ही निस्तारण किया गया। उन्होंने बताया कि नए दायर वादों के निस्तारण में चित्रकूट , आजमगढ़, अयोध्या, सहारनपुर और अलीगढ़ मंडलायुक्त का प्रदर्शन भी खराब रहा है।