लखनऊ। तीन दिसंबर को पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद योगी मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। अगले वर्ष लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जातीय समीकरण साधने के लिए मंत्रिमंडल में कुछ ही नए चेहरे शामिल किए जाएंगे लेकिन मौजूदा मंत्रियों के विभागों में व्यापक बदलाव किया जा सकता है। क्षेत्रीय संतुलन को बनाए रखने के लिए भाजपा संगठन में भी फेरबदल की संभावना है।
वैसे तो सुभासपा के ओम प्रकाश राजभर और पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान को मंत्री बनाए जाने को लेकर महीनों से चर्चा चल रही है लेकिन अब तक मंत्रिमंडल विस्तार नहीं हुआ है। अब बताया जा रहा है कि 28 नवंबर से विधानमंडल का शीतकालीन सत्र होने और तीन दिसंबर को राज्यों के चुनावी नतीजों के आने के बाद ही अब मंत्रिमंडल विस्तार होगा।
भाजपा संगठन नतीजों को देखते हुए ही योगी मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले चेहरों को हरी झंडी देगी। विपक्ष के जातिवार गणना के मुद्दे ने अगर राज्यों के विधानसभा चुनाव में असर दिखाया तो यहां लोकसभा चुनाव को देखते हुए मंत्रिमंडल विस्तार में खासतौर से पिछड़ा वर्ग को साधने की और कोशिश दिखेगी।
ऐसे में सपा छोड़ भाजपा का दामन थामने वाले दारा सिंह चौहान और एनडीए में शामिल हो चुके सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर का मंत्री बनना तय माना जा रहा है। इनके साथ ही राज्यों के चुनाव में अहम भूमिका निभाने वाले पार्टी के कुछ नेताओं को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्री भले ही दो-चार बनें लेकिन उसके बाद मुख्यमंत्री द्वारा मौजूदा मंत्रियों का प्रदर्शन देखते हुए उनके विभागों में बड़ा उलटफेर किया जा सकता है। सरकार और संगठन दोनों में ही दायित्व संभालने वालों को एक पद से हटाया जाएगा। ऐसे में संगठन में भी कुछ बदलाव होना तय है।