भाई दूज का त्यौहार यहां परंपरागत रूप से मनाया गया

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अवधनामा जिला संवाददाता हिफजुर्रहमान 

बहनों ने भाइयों के माथे पर तिलक कर दीर्घायु होने का आशीर्वाद प्रदान किया।

 

हमीरपुर :15 नवंबर भाई बहन के प्रेम और मजबूत रिश्तों का त्यौहार भाई दूज यहां परंपरागत रूप से मनाया गया। इस दौरान भाइयों के माथे पर टीका लगाकर बहनों ने जहां मिठाई खिलाई वही भाइयों ने भी उनको मनचाहे उपहार भेंट किया। शहर के गौरा देवी मोहल्ला निवासी पवन तिवारी की पुत्री अदिति तिवारी अपने भाई संस्कार तिवारी के माथे पर टीका लगाकर मिठाई खिलाई। बदले में उसके भाई ने उसे उपहार में रुपए प्रदान किये। इस त्यौहार को यम द्वितीया के रूप में भी जाना जाता है आखिर यह पर्व क्यों मनाया जाता है इस बारे में ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि पौराणिक कथा के अनुसार भगवान सूर्य की पत्नी का नाम छाया है उनकी कोख से पुत्री यमुना व पुत्र यमराज का जन्म हुआ। यमुना अपने भाई यमराज से बेहद स्नेह करती थी वह उनसे बार-बार निवेदन करती थी कि वह इष्ट मित्रों सहित उनके घर भोजन करें यमराज अपने कार्य की व्यस्तता के कारण टालते रहते थे। इसके बाद कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया का दिन आया तो यमुना ने उस दिन यमराज को भोजन के लिए अपने घर निमंत्रण देकर अपने घर आने का वचन ले लिया । बहन यमुना ने यमराज को विधि पूर्वक भोजन कराया। इस पर यमराज ने सोचा कि मैं तो प्राणों का हरण करने वाला हूं। मुझे कोई अपने घर नहीं बुलाना चाहता किंतु बहन जिस सद्भावना से उन्हें बुला रही है उसका उन्हें पालन करना चाहिए बहन के घर जाते समय यमराज ने नरक में निवास करने वाले जीवों को मुक्त कर दिया। यमराज को अपने घर आया देखकर यमुना की खुशी का ठिकाना ना रहा। उसने स्नान कर पूजन करके कई तरह के पकवान परोस कर भाई को भोजन कराया यमुना के आतिथ्य से यमराज ने प्रसन्न होकर बहन से एक वरदान मांगने को कहा यमुना ने तब कहा कि आप प्रतिवर्ष इसी दिन मेरे घर आया करो। मेरी तरह जो भी बहन इस दिन अपने भाई का आदर सत्कार करके टीका करेगी उसे तुम्हारा भय ना रहेगा यमराज ने तथास्तु कहकर अपनी बहन यमुना को कीमती वस्त्र व आभूषण भेंट किये तभीसे भैया दूज को मनाए जाने की परंपरा शुरू हुई ऐसी मान्यता है कि जो भाई इस दिन अपनी बहन से टीका लगवाते हैं उन्हें यमराज का भय नहीं रहता।

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