गाजा में अब तक 10 हजार लोगों की गई जान
गाजा। इजरायल-हमास युद्ध के बीच सीमित संख्या में लोगों को मिस्त्र में प्रवेश करने देने के लिए राफा क्रॉसिंग को फिर से खोल दिया गया है।
समाचार एजेंसी एएनआई ने सीएनएन की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि सोमवार को राफा सीमा को फिर से खोल दिया गया है। इस दौरान पूर्व-अनुमोदित सूची में शामिल मिस्त्रवासियों और विदेशियों को मिस्त्र में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी।
राफा सीमा मिस्त्र के लिए गाजा का एकमात्र प्रवेश द्वार है। इस पर इजरायल का कोई नियंत्रण नहीं है। इसे विदेशी नागरिकों और उनके आश्रितों के साथ-साथ घायल गाजावासियों के लिए बुधवार को खोल दिया गया था। बाद में इसे दो दिनों के लिए बंद कर दिया गया।
मिस्त्र के अधिकारियों ने कहा कि पिछले सप्ताह गाजा में एक एंबुलेंस पर इजरायली हमले के बाद शनिवार को मानवीय गतिविधियां बंद हो गईं। इस सीमा से प्रवेश करने वाले राहत सामग्री लेकर जाने वाले ट्रकों की आवाजाही भी कम हो गई है। सूत्रों ने कहा कि मिस्त्र निकासी के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एंबुलेंस की सुरक्षा की गारंटी मांग रहा था।
रविवार-सोमवार की रात गाजा के दो अस्पतालों पर इजरायली हमलों में आठ लोग मारे गए। गाजा के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, पहला हमला आंखों के अस्पताल पर हुआ। इस अस्पताल में चार लोग मारे गए, जबकि दूसरा हमला बच्चों के रैनतिसी अस्पताल पर हुआ, वहां भी चार लोग मारे गए हैं। दोनों अस्पताल नजदीक ही स्थित थे। इसके अतिरिक्त हवाई हमले में गाजा सिटी का इकलौता मनोरोगियों का अस्पताल भी नष्ट हो गया है।
एक अन्य कार्रवाई में इजरायली सेना ने गाजा पट्टी के सबसे बड़े अस्पताल में लगे सोलर पैनल नष्ट कर दिए हैं। इन सोलर पैनलों से पैदा बिजली से अस्पताल की आवश्यक सेवाएं चल रही थीं। अस्पताल की बिजली आपूर्ति करीब तीन हफ्ते से बंद है जबकि जेनरेटर चलाने के लिए वहां पर डीजल नहीं है। अब सोलर पैनल नष्ट होने से अस्पताल के अंधेरे में डूबने की स्थिति पैदा हो गई है और सैकड़ों गंभीर मरीजों का जीवन खतरे में पड़ गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि हमास के हमले के बाद इजरायल की जवाबी कार्रवाई में गाजा में 10,000 से अधिक फलस्तीनी नागरिक मारे गए हैं। इसमें 4,104 बच्चे, 2,641 महिलाएं और 611 बुजुर्ग शामिल थे।