अवधनामा संवाददाता
ललितपुर। आपदा प्रबंधन हेतु जन जागरूकता अभियान के तहत कल्याण सिंह सभागार में शिक्षकों की ट्रेनिंग के द्वितीय दिवस में अपर जिलाधिकारी अंकुर श्रीवास्तव की उपस्थिति में प्रशिक्षण का शुभारंभ हुआ। एडीएम ने कहा कि आपदाएं दो प्रकार की होती हैं प्राकृतिक एवं मानव निर्मित। साथ में उन्होंने समस्त प्रतिभागियों को समस्त प्रकार की आपदाओं हेतु सचेत रहने को भी कहा और अपने जीवन में एक वाक्य उतारने को भी कहा डिजास्टर इस माय लाइफ पार्ट। प्रशिक्षण प्रभारी आरती सिंह ने ललितपुर जनपद की भौगोलिक स्थिति, आपदा क्या है हमें कैसे आपदाओं के बारे में पूर्व, वर्तमान एवं पश्चात क्या-क्या तैयारी करनी है जिससे कि हम हानि का न्यूनीकरण कर सकें। आदि के बारे में विस्तार से समझाया। डा.देशराज ने जब नाड़ी बंद हो जाए उसे समय व्यक्ति को किस तरह सीपीआर देने की मॉकड्रिल करवाई, तत्पश्चात प्रतिभागियों के तमाम प्रश्नों के उत्तर भी दिए। अग्निशमन विभाग द्वारा भी अगर धोखे से आग लग जाए तो हमें किस तरह से जनहानि होने से रोकने के बारे में जानकारी दी तथा सिलेंडर में आग लग जाए तो बिना घबराए हम कैसे आग को रोक देने पूरी मॉक ड्रिल प्रतिभागियों के समक्ष कराई गई। आपदा प्रशिक्षण के मास्टर ट्रेनर हरिश्चंद्र नामदेव एवं आशीष मिश्रा द्वारा आपदा के प्रकार जनपद की भौगोलिक स्थिति एवं प्रमुख शब्दावली की जानकारी प्रदान की गई। अरविन्द सिंह द्वारा आपदा प्रबंधन की योजना के अंतर्गत आपदा पूर्व, आपदा के दौरान एवं आपदा के पश्चात के प्रमुख बिंदु एवं विद्यालय में आपदा प्रबंधन का निर्माण के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की। आदर्श रावत द्वारा पर्यावरण प्रबंधन, जीवन कौशल पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। अनूप सैनी द्वारा लू एवं शीतलहर एवं आकाशीय बिजली पर प्रकाश डाला गया। प्रवीण रिछारिया द्वारा सचेत एवं दामिनी एप्लीकेशन प्रशिक्षण आर्थियों के मोबाइल में डाउनलोड कराया गया एवं यह किस प्रकार कार्य करते हैं इस पर प्रकाश डाला गया। नीलेंद्र सिंह द्वारा सूखा पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। मनीष खरे द्वारा अग्निकांड भूकंप एवं भीड़ विषय पर चर्चा की एवं प्रशिक्षणार्थियों की जिज्ञासाओं को पूर्ण किया। राजेश अनुरागी द्वारा सर्वप्रथम एवं प्राथमिक चिकित्सा पर प्रकाश डाला गया।