नेचर इनफोकस ने इंडियन ओशन के सहयोग से डॉक्यूमेंट्री “प्रोजेक्ट टाइगर” का शीर्षक गीत “बाघ आयोरे” जारी किया

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बेंगलुरु: नेचर इनफोकस, एक प्रमुख प्रोडक्शन हाउस है, जो प्राकृतिक दुनिया की फिल्मों और वृत्तचित्रों में विशेषज्ञता रखता है। हाल ही में इनकी फीचर लेंग्थ डॉक्यूमेंट्री ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ का लांच होने वाला है जिसके पूर्व ही नेचर इनफोकस ने गर्व से इंडियन ओशन द्वारा संगीत एकल “बाघ आयोरे” की रिलीज की घोषणा की है, जो अपने फीचर के लॉन्च के अग्रदूत के रूप में है। इंडियन ओशन एक अग्रणी भारतीय लोक फ्यूजन रॉक बैंड है। बैंड ने इस गाने कि रचना फिल्म के पूरे बैकग्राउंड स्कोर को ध्यान में रखते हुए कि है। वे 4 नवंबर 2023 को बेंगलुरु में डॉक्यूमेंट्री स्क्रीनिंग के बाद दर्शकों के लिए विशेष रूप से थीम गीत का लाइव प्रदर्शन करेंगे।
मंत्रमुग्ध कर देने वाली यह रचना भारत के राजसी बाघों से प्रेरित है, जिसमें भारत की स्वदेशी संस्कृतियों की संगीतमय धुनें हैं जो हमें मानवता की आधार लय से जोड़ती हैं।
प्रोजेक्ट टाइगर की 50वीं वर्षगांठ का जश्न मनाते हुए, यह फीचर-लेंग्थ डॉक्यूमेंट्री फिल्म एक वैश्विक आइकन को विलुप्त होने से बचाने के भारत के साहसिक मिशन की कहानी का खुलासा करती है। डॉक्यूमेंट्री, भारत की प्रमुख संरक्षण पहल का एक अभूतपूर्व विवरण है, जो 4 नवंबर 2023 को लांच होने वाली है। संदुर मैंगनीज एंड आयरन ओरेस लिमिटेड, डिस्कवरी विलेज और रेनमैटर फाउंडेशन द्वारा समर्थित यह इतिहास की सबसे बड़ी और सबसे महत्वाकांक्षी संरक्षण परियोजना बन गई है।
नए थीम गीत पर टिप्पणी करते हुए, रोहित वर्मा, फिल्म निर्माता, नेचर इनफोकस ने कहा, “भारत के कई हिस्सों के लोक गीतों से प्रेरित, यह गीत इस कहानी को दर्शाता है कि जिन लोगों ने बाघ को बचाया था, वे असल में खुद इसके बचाए गए थे। प्रोजेक्ट टाइगर के कारण, हमने जंगल को बचा लिया और जंगल के कारण हमने अपनी नदियों को बचा लिया। जंगलों और नदियों के पुनरुद्धार – हमारी जीवनरेखाओं ने मानव जीवन पर गहरा प्रभाव डाला। आख़िरकार, यह संरक्षण परियोजना केवल बाघ की कहानी नहीं है। यह उन लोगों की भी कहानी है, जो जंगलों में और उनके आसपास रहते हैं, जो वन्य जीवन से घिरे है। गीत में ‘बाघ’ एक प्रतीक के रूप में है जो वास्तविक जीवन में प्रकृति की उदारता को प्रदर्शित करता है। मैं इस बात से बेहद खुश हूं कि नेचर इनफोकस ने इंडियन ओशन के माध्यम से इस वृत्तचित्र को जीवंत बनाने के लिए अपनी अनूठी संगीत रचना का उपयोग किया है।
इंडियन ओशन के एकॉस्टिक ड्रमर अमित किलम ने भी कहा, “‘बाघ आयोरे’ का निर्माण एक अविश्वसनीय यात्रा रही है। यह एक ऐसा गीत है जो सीमाओं से परे है, बिल्कुल बाघों की भावना की तरह, जिसका यह सम्मान करता है। इसका संगीत और लिरिक्स भारत के विभिन्न क्षेत्रों की ध्वनियों का मिश्रण है, जो हमारे देश की विविधता और एकता को दर्शाता है। यह एक ऐसी रचना है जिसके प्रति हम बेहद भावुक हैं, और हम इसे पहली बार लाइव प्रदर्शित करने के लिए रोमांचित हैं। नेचर इनफोकस के प्रोडक्शन, “प्रोजेक्ट टाइगर” के साथ सहयोग विशेष रूप से प्रेरणादायक रहा है क्योंकि हम पर्यावरण के मुद्दों से गहराई से जुड़े हैं और हम बेंगलुरु में अपने दर्शकों के साथ इस अनूठे अनुभव को साझा करने के लिए बेहद उत्सुक है।”
म्यूजिकल बैंड इंडियन ओशियन के संगीतकार और बास गिटारवादक राहुल राम ने अंत में कहा कि,“गीत के लिरिक्स फिल्म की पटकथा की संरचना से प्रेरित है और इसके मूल लोकाचार को दर्शाते हैं- बाघ मानवता के संरक्षण प्रयासों का केंद्र क्यों है? कहानी का तार्किक प्रवाह गीत के बोलों में बदला गया है। इसकी पंक्तियों प्र जाने से पहले ही यह धुन ‘बाघ आयोरे’ शब्दों के साथ मेरे दिमाग में आ गई थी। एक बार जब मैंने लिरिकल सीक्वेंस को एक साथ रखना शुरू किया, तो कुछ दोहराव के बाद, हम एक सरल और प्रभावी रचना पर पहुंचने में सक्षम हुए जो बाघ का जश्न मनाती है और कहानी के साथ न्याय करती है।“
इस असाधारण कार्यक्रम में ज़रूर आये, जहां संगीत और प्रकृति मिलकर एक यादगार शाम बनायेंगे। शनिवार, 4 नवंबर 2023 को माराकाटा, चमारा वज्र, जयमहल, बेंगलुरु में पहली बार डॉक्यूमेंट्री ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ की विशेष स्क्रीनिंग के लिए हमारे साथ जुड़ें, जिसके बाद इंडियन ओशन का प्रदर्शन होगा।

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