अवधनामा संवाददाता
चोपन/ सोनभद्र बिते गुरूवार की देर शाम उस समय हड़कंप मच गया जब भूमि संरक्षण विभाग के एक कर्मचारी ने अपने अधिकारी के ऊपर जबरिया दबाव बना कर कार्य करवाने सहित अन्य गंभीर आरोप लगाते हुए खुदकुशी का प्रयास किया। वहीं समय रहते साथी कर्मचारियों को इस बात की जानकारी हुई तो सन्न रह गये आनन फानन में जब साथी उसके कमरे में पहुंचे तो दरवाजा बंद था और पीड़ित बेहोशी की हालत में अपने बिस्तर पर पड़ा हुआ था किसी तरह दरवाजा तोड़ कर उसे तत्काल इलाज हेतु लोढ़ी स्थित सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उधर भूमि संरक्षण विभाग के अन्य कर्मियों ने गुरुवार की देर शाम डीएम- एसपी कार्यालय पर पहुंच सुसाइड नोट की कॉपी उसी के साथ शिकायती पत्र सौंपा साथी भूमि संरक्षण अधिकारी पर कर्मियों के साथ अभद्र व्यवहार और उत्पीड़न का आरोप लगाया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक भूमि संरक्षण विभाग के चोपन स्थित कार्यालय में वरिष्ठ प्राविधिक सहायक ने गुरुवार की देर शाम खुदकुशी की कोशिश कर सनसनी फैला दी आत्महत्या का प्रयास करने के पहले प्राविधिक सहायक ने साथियों को सुसाइड नोट की कॉपी भी मोबाइल की जरिए भेजी। घटना के लिए भूमि संरक्षण अधिकारी की तरफ से लगातार किए जा रहे उत्पीड़न को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है दूसरी तरफ भूमि संरक्षण विभाग के अन्य कर्मियों ने भी देर रात डीएम और एसपी के कैंप कार्यालय पर पहुंचकर सुसाइड नोट की कॉपी के साथ शिकायती पत्र सौंपा । साथ ही भूमि संरक्षण अधिकारी पर कर्मियों के साथ अभद्र व्यवहार और उत्पीड़न का आरोप लगाया। पत्र में लिखा था इस दुनिया में रहने का हक नहीं टूट गया हूं मूलतः जौनपुर निवासी प्राविधिक सहायक मनीष पाल के कथित वायरल सुसाइड नोट में लिखा है कि उसके कार्यालय के सभी कर्मी अपने कार्य में दक्ष हैं फिर भी भूमि संरक्षण अधिकारी बलजीत बहादुर वर्मा द्वारा किसी के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता मुझे भी बार-बार पेमेंट रोकने की धमकी दी जा रही थी बार-बार पेमेंट रोकने की धमकी ने उसे हतोत्साहित कर दिया लिखा मैं आज यह दुनिया छोड़कर जा रहा हूं मुझे अब दुनिया में रहने का कोई हक नहीं मैं टूट चुका हूं मेरी डेड बॉडी मेरे पैतृक गांव बमभावन थाना केराकत जौनपुर भिजवा दीजिएगा। जैसे ही वायरल सुसाइड नोट उसके साथ के कर्मियों को मिला वायरल हो गया कर्मियों के साथ परिचितों में हड़कंप मच गया लोग दौड़ते भागते हुए प्राविधिक सहायक के घर पहुंचे वह गंभीर हालत में पड़ा हुआ देख आनन फानन में जिला अस्पताल पहुंचाया जहां चिकित्सकों की तरफ से जहरीले पदार्थ की सेवन की आशंका जताई गई थी वहीं ईलाज के बाद बताया गया कि अब खतरे से बाहर है जोकि इलाज करवा कर अपने घर वापस आ गये है। भुमि संरक्षण अधिकारी पर घर पहुंच कर सुसाईड नोट फाड़ने का आरोप भी लगाया गया।इस बात की जानकारी जैसे ही भूमि संरक्षण विभाग की कर्मियों को हुई नाराजगी जताते हुए जिला अस्पताल धमक पड़े साथी की हालत जानने के बाद सामूहिक रूप से डीएम और एसपी कैंप कार्यालय पहुंचे और सुसाइड नोट की कॉपी के साथ सामूहिक शिकायती पत्र सौंपा मामले में कार्रवाई की मांग की। मोहम्मद इकराम खान, राम रतन सिंह, नितेश कुमार कुशवाहा, राकेश पटेल, विक्रम सिंह, विवेक सिंह, मनीष कुमार ने आरोप लगाया कि मामले की जानकारी जब भूमि संरक्षण अधिकारी को मिली तो वह प्राविधिक सहायक के कमरे पर पहुंचे और सुसाइड नोट फाड़ कर चलते बने। वहीं जब इस बाबत भूमि संरक्षण अधिकारी से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया वहीं शिकायती पत्र सौंपने वाले कर्मियों ने भी भूमि संरक्षण अधिकारी पर उत्पीड़न का आरोप लगाया कहा कि पिछले 3 महीने से उन्होंने सभी कर्मियों को मानसिक रूप से परेशान कर रखा है इस मामले में संबंधित भूमि संरक्षण अधिकारी बलजीत बहादुर वर्मा के दोनों मोबाइल नंबरों पर संपर्क साधा गया तो पहले व्यस्त का उत्तर मिला उसके बाद दोनों नंबर स्विच ऑफ हो गया।