कसया नगर के नौका टोला में मां वैष्णों देवी के तर्ज पर बना है 40 फीट गुफा
कुशीनगर। कसया नगर में मां वैष्णो देवी के तर्ज पर 40 फीट ऊंचा बनाए गए गुफा में देवी दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं को पुलिस ने रविवार की रात को रोक दिया। इससे नाराज मूर्ति आयोजकों और पुलिस के बीच तकरार हुई। नाराज मूर्ति आयोजकों ने पुलिस पर मनमानी का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। पुलिस पर गुफा की बिजली को भी जबरन काटने का आरोप लगाया है।
नगर के फल मंडी के पास नौका टोला में लाखों रुपए की लागत से मां वैष्णो देवी की तर्ज पर माता रानी का गुफा बनाई है। करीब एक महीने से गुफा को कलाकार बनाने में लगे थे। रविवार को गुफा के अंदर से बाहर तक सजा दिया गया था। रविवार की रात करीब 8 बजे दो दरोगा और सिपाही गश्त करते हुए पंडाल के पास पहुंचे। गुफा के अंदर दाखिल हुए पुलिसकर्मी चारों तरफ घूमकर देखने लगे। गुफा से सभी श्रद्धालुओं को बाहर निकालने के बाद बिजली बंद करा दी। मूर्ति आयोजक विमलेश कुशवाहा, कमलेश कुशवाहा, राकेश, झम्मन, उमेश आदि पहुंचे तो दरोगा बोले कि गुफा के अंदर श्रद्धालुओं का जाना ठीक नहीं है। कभी भी कोई हादसा हो सकता है। क्योंकि इसकी ऊंचाई अधिक है। ऐसे में गुफा के अंदर किसी का जाना उचित नहीं है। इसको लेकर पुलिस और मूर्ति आयोजकों के बीच कहासुनी होने लगी। इसकी जानकारी होने पर अन्य मूर्ति आयोजक भी पहुंच गए। नाराज लोगों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए हंगामा करने लगे। इसके बाद इंस्पेक्टर गिरिजेश उपाध्याय पहुंचे और मूर्ति आयोजकों से वार्ता की।
एक माह से बनाई जा रही थी गुफा
मूर्ति आयोजकों का कहना है कि इतनी बड़ी गुफा एक माह से बन रहा था। लेकिन किसी ने मना नहीं किया। शांति कमेटी की बैठक में भी इसकी जानकारी दी गई थी। दस सालों से यहां पर देवी मां की गुफा बन रही है। ऐन वक्त पर पुलिस और प्रशासन को देवी दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को गुफा के अंदर जाकर दर्शन करने से रोकना गलत है।
आयोजकों व इंस्पेक्टर में चली घंटो बहस
इंस्पेक्टर और आयोजकों में इसको लेकर एक घंटे तक बहस हुई। देवी दर्शन को पहुंचे श्रद्धालुओं को वापस लौटना पड़ा। मूर्ति आयोजकों ने चेतावनी दिया कि अगर गुफा में दर्शन से रोक नहीं हटा तो मूर्ति विसर्जन नहीं होगा। गुफा वाले पंडाल के पास पुलिस तैनात कर दिया गया है।
इतनी बड़ी गुफा हादसे का बन सकता है शबब
इंस्पेक्टर गिरिजेश उपाध्याय ने बताया कि गुफा काफी ऊंचाई पर बनाया गया है। किसी भी इंजीनियर से इसमें सुझाव नहीं लिया गया है। इस लिए हादसे का खतरा है। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर गुफा के अंदर श्रद्धालुओं के दर्शन पर रोक लगाया गया है। मूर्ति आयोजक बेवजह हंगामा कर रहे हैं। आगे जैसा निर्देश अधिकारियों का होगा वैसा किया जाएगा।