जेसीबी प्राइस फॉर लिटरेचर ने छठे एडिशन के शॉर्टलिस्ट की घोषणा की

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साल 2023 के शॉर्टलिस्ट में बंगाली, हिंदी और तमिल के 3 अनुवाद शामिल हैं।
तेजस्विनी आप्टे-रहम की पहली किताब और हंसदा सोवेंद्र शेखर के पहले अनुवाद ने शॉर्टलिस्ट में जगह बनाई है।
शॉर्टलिस्ट की घोषणा के बाद दिव्या सेठ शाह और वामिक सैफी ने इन किताबों का नाटकीय पाठन किया और फिर दयाम अली ने सारंगी और पंडित हरिहर शरण भट्ट ने सितार पर म्यूजिकल परफॉर्मेंस दिया।

जयपुर: भारत में सबसे प्रतिष्ठित फिक्शन पुरस्कारों में से एक जेसीबी प्राइस फॉर लिटरेचर के छठे संस्करण की शॉर्टलिस्ट की घोषणा जयपुर स्थित जय महल पैलेस में की गई। नवंबर में होने वाले पुरस्कार समारोह से पहले आयोजित इस कार्यक्रम में लेखकों, अनुवादकों और शहर के पुस्तक प्रेमियों के समुदाय ने हिस्सा लिया। इस दौरान निर्णायक मंडल के सदस्य श्रीनाथ पेरूर, सोमक घोषाल और कावेरी नांबिसन ने 5 किताबों की शॉर्टलिस्ट की घोषणा की, जिनमें बंगाली, हिंदी और तमिल भाषाओं के तीन अनुवाद समेत कुल 5 किताबें हैं।

जेसीबी प्राइस फॉर लिटरेचर 25 लाख रुपये इनाम वाला अवॉर्ड है और यह हर साल किसी प्रतिष्ठित भारतीय लेखक को उनकी फिक्शन, यानी काल्पनिक कृतियों के लिए दिया जाता है। हर साल साहित्य निदेशक सामाजिक और बौद्धिक जगत से जुड़े प्रतिष्ठित लोगों को जूरी के रूप में नियुक्त करते हैं। निर्णायक मंडल का हर सदस्य प्राइस के लिए दर्ज किए गए हर उपन्यास को गहनता से पढ़ता है और उसे लॉन्गलिस्ट (10 में से), शॉर्टलिस्ट (5 में से) और विजेता चयनित करने के लिए पूरी तरह जिम्मेदार होता है।

जेसीबी प्राइस फॉर लिटरेचर 2023 की शॉर्टलिस्ट की घोषणा के बाद ऐक्टर दिव्या सेठ शाह के साथ ही कवयित्री और शोधार्थी वामिक सैफी ने शॉर्टलिस्टेड किताबों को पढ़ा। नाटकीय पाठन के दरमियां सारंगी पर दायम अली और सितार पर पंडित हरिहर शरण भट्ट की संगीतमय प्रस्तुति भी चलती रही। इस दौरान दर्शकों का भरपूर मनोरंजन होता रहा और उन्हें विविधताओं का आभास होता रहा।

2023 की शॉर्टलिस्ट में शामिल हैं-

तेजस्विनी आप्टे-रहम द्वारा लिखी गई द सीक्रेट ऑफ मोर (एलेफ बुक कंपनी, 2022)
मनोरंजन ब्यापारी द्वारा लिखी और वी. रामास्वामी द्वारा बंगाली से अनुवादित की गई द नेमेसिस (वेस्टलैंड बुक्स, 2023)
पेरुमल मुरुगन द्वारा लिखी गई और जननी कन्नन द्वारा तमिल भाषा से अनुवादित फायर बर्ड, (पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया, 2023)
विक्रमजीत राम द्वारा लिखी गई मंसूर (पैन मैकमिलन इंडिया, 2022)
मनोज रूपडा द्वारा लिखी गई और हंसदा सोवेंद्र शेखर द्वारा हिंदी से अनुवादित आई नेम्ड माय सिस्टर साइलेंस (वेस्टलैंड बुक्स, 2023)

2023 ज्यूरी के अध्यक्ष श्रीनाथ पेरुर ने कहा कि हमारी शार्टलिस्ट मीटिंग में 10 में से किन्हीं 5 किताबों को सेलेक्ट करना मुश्किल था, क्योंकि हर किताब अपने आप में बेहतरीन थी। इस 10 की लंबी लिस्ट में हर एक बुक गंभीर शार्टलिस्ट में शामिल होने की हकदार थी, जिसे ज्यूरी के कम से कम एक सदस्य ने शार्टलिस्ट किया था, लेकिन आखिरकार एक कलेक्टिव फैसले में हमने वो 5 किताबों का सेलेक्शन किया, जिसे ज्यूरी मेंबर अंतिम 5 में चाहते थे। किसी भी एक बुक को लिस्ट से हटाने का फैसला आसान नहीं था।

जैसे ही विनर के ऐलान का वक्त नजदीक आया, तो साहित्यिक निदेशक, मीता कपूर ने कहा कि साहित्य के लिए जेसीबी प्राइस 2023 की 5 शार्टलिस्ट बुक भारत की साहित्यिक परिदृश्य की विविधता के हर पहलू को दर्शाती हैं। हर कहानी अपने आप में एक मनमोहन शब्दों का नृत्य है, जो हमारी समृद्ध साहित्यिक विरासत का परिचय कराती है। हमारी पब्लिशर्स, बुकस्टोर्स और ऑनलाइन कम्यूनिटी का इन तरह की आवाजों को आगे बढ़ान में अमूल्य योगदान रहा है। जैसे आप इन बुक्स की गहराई में उतरेंगे, तो आपको अपनी साझा इंसानी यात्रा की खोज की झलकियां दिखेंगी और आप बेशुमार भावनाओं और प्रतिध्वनित कहानियों को पाएंगे।

जेसीबी प्राइस फॉर लिटरेचर 2023 के विजेताओं की घोषणा 18 नवंबर को की जाएगी और उन्हें 25 लाख रुपये कैश प्राइस दिया जाएगा। विजेता के लिए प्रविष्टि अगर अनुवादित है, तो अनुवादक को 10 लाख रुपये का अतिरिक्त कैश प्राइस दिया जाएगा। इसके साथ ही शॉर्टलिस्ट में शामिल पांचों लेखकों को एक-एक लाख रुपये देकर सम्मानित किया जाएगा और शॉर्टलिस्टेड पीस अगर अनुवादित है तो फिर अनुवादक को 50,000 रुपये मिलेंगे।

शॉर्टलिस्ट की गई किताबें : ज्यूरी के कमेंट्स, सारांश और लेखक और अनुवादक के बायोडेटा :

तेजस्विनी आप्टे-रहम द्वारा लिखी गई द सीक्रेट ऑफ मोर (एलेफ बुक कंपनी, 2022) को लेकर निर्णायक मंडल

का कहना है-

एक पारिवारिक गाथा, जो बंबई और वहां बसे व्यापारियों के सामाजिक इतिहास को बखूबी पेश करती है और इतनी कल्पनाशीलता, सटीकता और बारीकी से इसके बारे में शायद ही कभी कहा गया है। सदी के अंत में मुलजी जेठा कपड़ा बाजार, पहले फिल्म के निर्माण में नायक की निडर यात्रा, थिएटर में ओरिएंटल ऑर्गन का बजाना और फिर नायक और उसकी फिल्म के स्टार के बीच का अवास्तविक रिश्ता… ये सभी किताबी घटनाक्रम चमेली की मादक खुशबू की तरह लंबे समय तक हमारे साथ रहते हैं और आखिरी पन्ना पलटने के बाद भी काफी देर तक और ज्यादा रहस्यों के साथ छोड़ देते हैं।

बंबई के धड़कते दिल में, एक ऐसा शहर जो कपास को सोना बना देता है, तात्या नाम का एक युवक रोजी-रोटी कमाने इस शहर में आता है। महत्वाकांक्षी और कड़ी मेहनत करके तात्या धीरे-धीरे इस शहर के प्रसिद्ध कपड़ा बाजार में अपनी पैठ मजबूत करता है और नाम बनाता है। इस बीच, उसकी नई दुल्हन राधा सासांरिक खुशियों और चुनौतियों के साथ परिवार को आगे बढ़ाने की कोशिश में लगी है। एक ऐसे शहर में, जो पारंपरिक होने के साथ ही तेजी से आधुनिकीकरण को आत्मसात कर रहा है, वहां कपड़ा उद्योग में सफलता का स्वाद चखने के बाद तात्या को कई संभावनाएं दिखती हैं।

मोशन पिक्चर्स, यानी फिल्मों की दुनिया धीरे-धीरे बड़ी हो रही थी और तात्या शुरुआती झिझक के बावजूद इस दुनिया में अपनी किस्मत बनाने की कोशिश में डूबने लगा। कहते हैं कि मेहनत का फल मीठा होता है और तात्या के साथ भी ऐसा ही हुआ। उसके द्वारा बनाई गई मूक फिल्में भीड़ को आकर्षित करती हैं और उसकी नई फिल्में भी थिएटर में चमत्कार करती रही। लेकिन कमल नाम की ऐक्ट्रेस के साथ दोस्ती और आकर्षण उसकी दुनिया को झकझोर देता है और उसकी ईमानदारी पर सवाल उठाने की वजह बनता है।

कोलाहल और हलचल से भरे औपनिवेशिक बॉम्बे की पृष्ठभूमि पर आधारित द सीक्रेट ऑफ मोर एक अथक महत्वाकांक्षा, दृढ़ प्रेम और गहरे विश्वासघात की यात्रा है। तात्या ज्यादा पाने और अपना नाम बनाविने के रहस्य को उजागर करने की कोशिश करता है। एक ऐसी कहानी, जिसमें कपड़ा मिलों की खड़खड़ाहट से लेकर साइलेंट फिल्म इंडस्ट्री का ग्लैमर तक है, गिरगांव की भीड़ भरी चॉल से लेकर सी-फेसिंग हवेली तक का बखूबी जिक्र है और यह रोमांचित करता है। यह कहानी एक ऐसे शख्स और उसके परिवार की है, जिसे सीख मिलती है कि बंबई शहर में आप उड़ तो सकते हैं, लेकिन अगर गिरते हैं, तो यह आपको और नीचे दबा देता है।

तेजस्विनी आप्टे-रहम मुंबई की लेखिका हैं। वह शॉर्ट स्टोरी कलेक्शन- दिज सर्कसेज दैट स्वीप थ्रू द लैंडस्केप की लेखिका होने के साथ ही बच्चों के एनवायरनमेंटल एजुकेशन बुक द पूप बुक की सह-लेखिका भी हैं। तेजस्विनी स्क्रीन, हिंदुस्तान टाइम्स और द एशियन एज में बतौर पत्रकार और एनवायरनमेंटल रिसर्चर के रूप में लिख चुकी हैं।

द नेमेसिस (वेस्टलैंड बुक्स, 2023), मनोरंजन ब्यापारी द्वारा लिखित और वी. रामास्वामी द्वारा बंगाली से अनुवादित

द नेमेसिस एक काफी पावरफुल स्टोरी है, जिसके केंद्र में जिबोन नामक युवा है। जिबोन पूर्वी बंगाल, जो कि अब बांग्लादेश है, से अपने सैकड़ों हमवतनों के साथ कलकत्ता स्थित शरणार्थी कैंप पहुंचता है। भयंकर गरीबी की मार, दमनकारी जाति व्यवस्था और असंवेदनशील समाज जिबोन को समय-समय पर अपमानित करता है और उसके जीवन को और ज्यादा नारकीय बनाता रहता है। आखिरकार तंग आकर जिबोन नक्सल आंदोलन से जुड़ने के लिए घर छोड़ देता है। जिबोन कष्ट सहता है, लेकिन हल चलाना जारी रखता है। द नेमेसिस दिल दहला देने वाली कहानी है, जिसमें साहस के साथ ही प्रतिकूल परिस्थितियों में अपना जज्बा कम न होने देना और फिर अंत में उम्मीद की दास्तां बयां होती है।

सारांश

तीन किताबों की श्रृंखला का यह दूसरा भाग हमें 1960 के दशक के अंत और 1970 के दशक के शुरुआती दिनों में ले जाता है, जहां पूर्वी पाकिस्तान से मुक्ति की आवाजें तेज होने लगी थीं और शरणार्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही थी। शरणार्थी भारत में, खासतौर पर पश्चिम बंगाल के रिफ्यूजी कैंपों में आसरा मांग रहे हैं। इस दौरान नक्सली आंदोलन भी धीरे-धीरे बढ़ने लगे थे। कम्युनिस्ट पार्टी सीपीआई (एम) और सीपीआई (एमएल) में विभाजित हो गई थी और दोनों के बीच काफी कड़वाहट पैदा हो गई थी। इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी और इन लोगों में सत्ता के लिए संघर्ष शुरू हो गया था। खूनी लड़ाई शुरू हो चुकी थी और इसी बीच हमें कलकत्ता में 20 साल का जिबोन मिलता है, जो भूख, असमानता और राष्ट्रवादी उत्साह की चक्की में पिसता हुआ गुस्से से भरा था। इस उपन्यास में कलकत्ता की सड़कों पर जीवन जीने की तलाश में घूम रहे एक युवा का सम्मोहक चित्र है और उसके अंदर व्यवस्था के प्रति गुस्से की झलक भी है।

लेखक के बारे में

मनोरंजन ब्यापारी मुख्य रूप से बांग्ला में लिखते हैं। उनकी कुछ महत्वपूर्ण रचनाओं में छेरा छेरा जिबोन, इत्ति ब्राइट चंडाल जिबोन और चंडाल जिबोन जैसी ट्रायलोजी है। उन्होंने महज 24 साल की उम्र में जेल में रहते हुए खुद को पढ़ना और लिखना सिखाया। उन्होंने रिक्शा चालक के साथ ही सफाईकर्मी और दरबान रूप में भी काम किया है। साल 2018 तक मनोरंजन ब्यापारी हेलेन केलर इंस्टिट्यूट, कोलकाता में रसोइया के रूप में काम करते हुए बधिर और दृष्टिहीन लोगों की सेवा कर रहे थे। साल 2018 में उनके संस्मरण, इत्ति ब्राइट का अंग्रेजी अनुवाद चंडाल जिबोन (इंटरोगेटिंग माई चांडाल लाइफ) को नॉन-फिक्शन के लिए हिंदू प्राइस मिला। इसके बाद 2019 में उन्हें गेटवे लिट फेस्ट राइटर ऑफ द ईयर प्राइस से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, उनके उपन्यास बताशे बरुदेर गंधा (देयर इज गन पाउडर इन द एयर) के अंग्रेजी अनुवाद को जेसीबी प्राइस 2019 और डीएससी प्राइस फॉर साउथ एशियन लिटरेचर 2019, क्रॉसवर्ड प्राइस 2019 और मातृभूमि बुक ऑफ द ईयर प्राइस 2020 के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया। उनके उपन्यास छेरा छेरा जिबोन (ईमान) के अंग्रेजी अनुवाद को जेसीबी प्राइस 2022 के लिए चुना गया था। मनोरंजन को उनकी उल्लेखनीय रचनाओं के लिए इस साल शक्ति भट्ट प्राइस भी मिला है। साल 2021 में मनोरंजन ब्यापारी बंगाल विधान सभा के सदस्य भी बने।

अनुवादक के बारे में

वी. रामास्वामी हाशिए पर रह रहे लोगों की आवाज माने जाते हैं और उनके साहित्यिक अनुवादों में भी इसकी बखूबी झलक मिलती है। उनके पिछले अनुवाद, जिनमें द गोल्डन गांधी स्टैच्यू फॉर अमेरिका: अर्ली स्टोरीज, वाइल्ड एनिनमल प्रोहिबिटेड: स्टोरीज और विरोधी कहानियां और दिस कुड हैव बिकम रामायण चमार्स टेल: टू एंटी नॉवेल्स (क्रॉसवर्ड बुक अवार्ड, 2019 के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए), सभी सत्ता-विरोधी बंगाली लेखक सुबिमल मिश्रा की रचनाओं के हैं। उन्हें चंडाल जिबोन नॉवेल्स का अनुवाद करने के लिए एबरिस्टविथ युनिवर्सिटी में इनॉग्रल लिटरेचर एक्रॉस फ्रंटियर्स- चार्ल्स वालेस इंडिया ट्रस्ट फेलोशिप से सम्मानित किया गया है।

फायर बर्ड, लेखक पेरुमल मुरुगन, अनुवादक जननी कृष्णन (पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया, 2023)

ज्यूरी का कहना है..

पिछले करीब हजार वर्षों के दौरान अब तक इंसान जमीन के एक टुकड़े पर रहा है, जिसे वो अपना घर मान रहा है और जहां वो अपनी जड़े जमाए हुए है। फायर बर्ड का नायक मुथु का संबंध एक किसान परिवार से है। मुथु जमीन के गलत बंटवारे और घर के बिगड़े रिश्तों से परेशान है। ऐसे में वो एक एक अपने पहचान के उम्रदराज नौकर को लेकर बैलगाड़ी से जमीन की तलाश में निकल जाता है, वो जमीन जिसे वो खरीद सके, जिसे वो अपनी जमीन कर सके।

पेरुमल मुरुगन अपनी जमीन की खोज की कहानी को विस्तार से बताते हैं: वो हर एक पौधे और पेड़ के साथ पक्षी और जानवर को जानते हैं। साथ ही उन्हें मिट्टी और फसल की भी जानकारी है। साथ ही मुरुगन बताते हैं कि यह सभी चीजें कैसे वहां रहने वाले लोगों की संस्कृति और

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