अवधनामा संवाददाता
आजमगढ़। खिरिया की बाग कप्तानगंज में जमीन-मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा (खिरिया बाग) के तत्वाधान में एयरपोर्ट विस्तारिकरण में जमीन-मकान अधिग्रहण के खिलाफ खिरिया बाग में वार्षिकी पर किसान-मजदूर महापंचायत के रूप में धरना जारी रहा। धरने में श्कौन बनाता हिन्दुस्तान ,भारत का मजदूर-किसान, एयरपोर्ट बहाना है- जमीन लूट निशाना है, एयरपोर्ट विस्तारिकरण का मास्टर प्लान वापस लो। एयरपोर्ट विस्तारिकरण में जमीन-मकान का अधिग्रहण निरस्त्तीकरण का लिखित आश्वासन दो। पहले लड़े थे गोरों से, अब लड़ेंगे चोरों से। जब-जब जुल्ली जुल्म करेगा, सत्ता के गलियारों से, चप्पा-चप्पा गूंज उठेगा इंकलाब के नारों से। इंकलाब जिन्दाबाद द्य नारी शक्ति आयी है. नई रोशनी लाई है। जाति पाति में नहीं फंसेंगे ,मिलजुलकर संघर्ष करेंगे। जमीन हमारी उड़ान तुम्हारी, नहीं चलेगा नहीं चलेगा। जान देंगे- जमीन नहीं देंगे।… आदि नारे गूंजे। धरने में व लोकगीत भी प्रस्तुत किये गये ।
धरने को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि उपदेश देना आसान है लेकिन लोकतांत्रिक शांतिपूर्ण तरीके से लम्बे समय तक आंदोलन को चलाना कठिन है। खिरिया बाग तेरहवें माह में अब भी धरना देते हुए अपनी कठिनाईयों को चुनौती दे रहा है।खिरिया बाग का धरना को ग्रामीण शौक या मनोरंजन के लिये नहीं कर रहे हैं बल्कि शासन प्रशासन द्वारा किये जा रहे जनउपेक्षा, घात-प्रतिघात की साजिशों के कारण मजबूरी में किया जा रहा है।महिलायें, मजदूर किसान सभी अपनी बहुफसली और घनी आबादी की जमीन व मकान को बचाने के लिये खिरिया की बाग में लोकतांत्रिक व शांतिपूर्ण धरना 12 माह से अनवरत जारी है। । प्रशासन के साथ धरनारत किसानों- महिलाओं, मजदूरों की छः बार की सौहार्दपूर्ण वार्ता बेनतीजा साबित हो चुका है। आठों गांव के धरनारत लोगों का हमेशा से साफ व स्पष्ट कहना है कि शासन द्वारा एयरपोर्ट विस्तारिकरण के निरस्तीकरण का लिखित शासनादेश दिया जाना चाहिए । प्रशासन द्वारा मौखिक आश्वासन पर विश्वास नहीं किया जा सकता है।
ज्ञात हो कि 23 जनवरी 2023 को डी.एम. प्रशासन और 14 फरवरी को एस. डी. एम. प्रशासन द्वारा मौखिक आश्वासन दिया गया था कि अब भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही नहीं की जायेगी। एयरपोर्ट विस्तारिकरण की परियोजना रोक दी गई है। लेकिन लिखित शासनादेश मांगने पर आना-कानी करने लगे।