अवधनामा संवाददाता
सोनभद्र/ब्यूरो आज रॉबर्ट्सगंज नगर में विवेकानंद पेक्षा गृह से चण्डी होटल स्थित सोन पैलेस तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा पावन खिण्ड दौड़ का आयोजन किया गया जिसका शुभारंभ मुख्य रूप से उपस्थित सदर विधायक भूपेश चौबे द्वारा अभाविप का झंडा दिखा कर किया गया। इस पावन दौड़ में सैकड़ों विद्यार्थियों ने भाग लिया वहीं उपस्थित सोनभद्र विभाग संगठन मंत्री अनिल द्वारा बताया गया किवर्तमान में हम दौड़ के लिए जिस मैराथन शब्द का उपयोग करते हैं। क्या किसी को पता है कि यह मैराथन शब्द कहां से आया? अगर हम इस शब्द के बारे में जानने का प्रयास करेंगे तो समझ में आएगा कि यह विदेशी शब्द है। सवाल यह है कि जब हमारे पास उपयुक्त शब्दों की लम्बी श्रंखला है, तब हम क्यों ऐसे शब्दों का प्रयोग करते हैं, जो नकारात्मकता का बोध कराते हैं वहीं विभाग संयोजक शशांक मिश्रा ने बताया कि यह वह दौड़ है, जिसके जरिये छत्रपति शिवाजी के साथी बाजी प्रभु देशपांडे ने अफजल खान की घेरेबंदी तोड़ी थी करीब 350 वर्ष पूर्व पन्हालगढ़ किले में रुके छत्रपति शिवाजी, उनके साथियों और 800 सैनिकों को औरंगजेब के सेनापति अफजल खान ने 20 हजार सैनिकों संग घेर लिया था। सीधी लड़ाई संभव नहीं थी। रसद खत्म हो रही थी। वहां से बच निकलने का निर्णय लिया। दुश्मन को धोखा देने के लिए दो पालकी तैयार कराई। एक में शिवाजी बैठे और दूसरे में उनका नाई। हालांकि दुश्मन को पता लग गया और उसने चार हजार सैनिकों के साथ शिवाजी का पीछा किया। शिवाजी को 52 किमी दूर विशालगढ़ जाना था। विशालगढ़ से 12 किमी पहले घोड़ खिंड स्थान पर दुश्मन काफी पास आ गया। शिवाजी के साथी बाजी प्रभु देशपांडे 300 सैनिकों के साथ रुके और अन्य सैनिकों को शिवाजी के साथ भेज दिया। बाजी प्रभु ने दुश्मनों को तब तक रोके रखा, जब तक शिवाजी ने तोप दागकर विशालगढ़ पहुंचने का संकेत नहीं दे दिया और इसके बाद सभी सैनिक दुश्मनों संग लड़ते लड़ते शहीद हो गए।वहीं उपस्थित जिला संयोजक मृगांक दुबे ने बताया कि मैराथन शौर्य की याद से जुड़ा है, लेकिन उस देश के, जिसका भारतीयों से कोई मतलब नहीं है। यह एथेंस के सिपाही का शौर्य था, जो अपने देश के लिए 42 किमी तक लगातार दौड़ा था। भारतीयों के लिए ऐसी दौड़ होनी चाहिए, जो उन्हें अपने शौर्य की याद दिलाए।वहीं अनमोल सोनी,सौरभ चतुर्वेदी,ललितेश,सौरभ सिंह पंकज,अनुज,जय विश्वकर्मा, राहुल जालान, अभिषेक आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे