ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में जलवायु परिवर्तन को लेकर बहुत बड़ा प्रदर्शन हुआ जिसमें दसियों हज़ार लोगों ने भाग लिया।
दो दिन पहले यानि बुधवार 25 सितंबर को हुए प्रदर्शन में सरकार से पर्यावरण नीतियों को पूरी तरह बदलने की मांग की गयी।
ऑस्ट्रिया की संसद में दक्षिणपंथी फ़्रीडम पार्टी को छोड़ सभी दलों ने राष्ट्रीय स्तर पर जलवायु परिवर्तन के संबंध में आपात स्थिति का एलान किया।
इस तरह यह देश ब्रिटेन, आयरलैंड और फ़्रांस के बाद चौथा योरोपीय देश हो गया जिसने पर्यावरण रक्षा को सबसे बड़ी राजनैतिक प्राथमिकता क़रार दिया है।
इससे पहले 23 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र संघ में जलवायु परिवर्तन के विषय पर शिखर सम्मेलन हुआ जिस पर दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन को लेकर हो रहे प्रदर्शन का असर नज़र आया। इस शिखर सम्मेलन में नेताओं ने इस समस्या से निपटने के लिए वादे किए।
इस सम्मेलन में स्वीडन की युवा पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा तुन्बरी या ग्रेटा तुन्बर्ग की बातों से पूरी सभा पर सन्नाटा छा गया।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हमने तुरंत क़दम नहीं उठाया तो पूरी इंसानियत को ऐसे चेन रिएक्शन का सामना होगा जिसे पलटाना मुमकिन नहीं होगा जिसके नतीजे में सबसे ज़्यादा उनकी पीढ़ी के लोग प्रभावित होंगे।
ग्रेटा तुन्बरी ने रोहांसे अंदाज़ में इन शब्दों में क्लामेट चेन्ज के ख़तरनाक अंजाम की ओर ध्यान खींचाः लोग पीड़ा झेल रहे हैं, पूरा इकोसिस्टम फ़ेल हो रहा है। हम सर्वनाश की शुरुआत में हैं और आप लोग सिर्फ़ पैसों और शाश्वत आर्थिक विकास की ख़्याली बातें कर रहे हैं।
Also read