हजरत मोहम्मद मुस्तफ़ा, इमाम ए जाफ़र ए सादिक़ की विलादत पर हुआ जश्ने सादिक़ैन

0
212

अवधनामा संवाददाता

 जश्ने सादिक़ैन में बरसे अक़ीदत के फूल

बाराबंकी। करबला सिविल लाइन में हजरत मोहम्मद मुस्तफ़ा व इमाम ए जाफ़र ए सादिक़ की विलादत पर जश्ने सादिक़ैन हुआ। जश्ने सादिक़ैन में अक़ीदत के फूल बरसे।
इमाम ए जुमा मौलाना मो. रज़ा ज़ैदपुरी ने महफ़िल को ख़िताब करते हुए कहा जो अपनी आखेरत बख़ैर चाहते हैं महफ़िल ए नूर में आते है। दरे सरवर पे बिगड़े मुकद्दर संवर जाते हैं। महफिल की सदारत इमाम ए जमाअत मौलाना हिलाल ने की। आगा़ज़ तिलावते कलामे इलाही से किया और इज़हार ए तशक्कुर भी मौलाना हिलाल ने किया।आलिम साहब ने इमामे जुमा की गुलपोशी की। शायरों ने नज़रानये अकीदत पेश किये। मौलाना हिलाल अब्बास ने पढ़ा बशर क्या करेगा सना ए मोहम्मद, ख़ुदा जब है मिदहत सरा ए मोहम्मद। मौलाना इब्ने अब्बास ने पढ़ा- अहमद की गुलामी पे बहोत नाज़ है मुझको, दौलत की ग़ुलामी मेरा ईमान नहीं है। दुश्मन ये समझता है कि मिट जायेंगे हम लोग इस ख़ाम ख़याली में कोई जान नहीं है। डा. शारिब मौरानवी ने पढ़ा- बरसात की मानिंद हैं रहमत की घटाएं कौसैन से गिरती हुई खुशबू की हवाएं। कशिश संडीलवी ने पढ़ा आज महफिल मेंअदा अज्रे रिसालत क्यूं न हो ज़िक्रे सादिक़ महफ़िल ए मिदहत की ज़ीनत क्यूं न हो। अजमल किन्तूरी ने पढ़ा नबी का नूर जहाँ को मिला मदीने से ये किसने अर्श मिलाया ज़मीं के ज़ीने से। आरिज़ जरगांवीं ने पढ़ा सभी अंजान हैं अब तक मक़ामे मुस्तफ़ा क्या है अबू तालिब बताएंगे नबी क्या हैं ख़ुदा क्या है। अहमद रज़ा ने पढ़ा -मक्के की सर ज़मीन पे भेजा रसूल को ताज़ीम करने आ गया काबा रसूल को। हिलाल ज़ैदी ने पढ़ा ये न कहिये तीरो ख़ंजर नेज़ा ओ तलवार से दीन फैला है फ़क़त सरकार के किरदार से। डा. मुहिब रिज़वी ने पढ़ा हमने दुनियां तेरी दौलत की ज़ुलेख़ा के लिये, यूसुफ ए ज़िक्र को बेचा न तिजारत की है। जिना जफ़रा बादी ने पढ़ा सरहदे इदराक से बाहर है नूरे मुस्तफ़ा आइने पैदा हुए हैं सिर्फ़ हैरत के लिए। मेहदी नक़वी ने पढ़ा आसमां में अब्र रहमत के नज़र आने लगे, अब परिन्दों का फ़िज़ा में चहचहाना देखिये। हाजी सरवर अलीकरबलाई ने पढ़ा- ज़मीं को यूं मोहम्मद ने दिया एख़लाक़ का तोहफ़ा। जेहालत थी जहां घर घर वही अब इल्म का घर है। फ़राज़ बाराबंकवी ने पढ़ा चुप भी हो जाएं अगर हम तो कलम बोलेगा मितहते मुरसले आज़म में सनम बोलेगा। मेहदी ने भी नज़रानये अक़ीदत पेश किया। बानियाने महफिल ने शायरों व आलिमों को तोहफा देकर शुक्रिया अदा किया।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here