अवधनामा संवाददाता
हर विवाद के केन्द्र में प्रिंसिपल, अधिकारी कर रहे कागजी खानापूर्ति
बाराबंकी। शहर के नामी स्कूलों में एक सिटी इंटर कालेज में विवादों ने सर उठा रखा है। खास बात यह है कि हर विवाद के केन्द्र में यहां के प्रिंसिपल ही हैं। वह चाहे अध्यापक हो रसोइया या फिर चतुर्थ श्रेणी कर्मी। प्रिंसिपल का हठी रवैया कॉलेज के शैक्षणिक माहौल पर भारी पड़ रहा है। मनमानी इस कदर कि डीआईओएस के निर्देश भी एक किनारे हैं। गौरतलब है कि यहां आपसी भिड़ंत की जड़ में वर्तमान व पूर्व प्रिंसिपल का शीतयुद्ध है जो बढ़ता ही जा रहा है। जल्द ही मामले को निस्तारित न किया गया तो कॉलेज की छवि को धूमिल होने से कोई रोक नही पाएगा, वैसे ही शैक्षिक वातावरण हासिये पर चल रहा है।
बता दें कि सिटी इंटर कालेज में कई सारे विवाद एक साथ चल रहे हैं और हर मामले की जड़ में यहां पर आयोग से तैनात किए गए प्रिंसिपल शिवचरण गौतम ही हैं। जब से इनकी तैनाती यहां पर हुई है तबसे कोई न कोई विवाद कॉलेज से जुड़ता रहा है। इन विवादों की वजह से कॉलेज की साख पर भी बट्टा लग रहा है पर इसकी परवाह न विभाग के अधिकारियों को है और न ही प्रिंसिपल को। अधिकारी स्तर पर मामले लंबित रखे जा रहे वहीं कॉलेज प्रबंधन भी मौन धारण किये हुये है। जिसकी वजह से न सिर्फ शिक्षा पर असर पड़ रहा बल्कि कॉलेज शिक्षण संस्थान के बजाय युद्ध के अखाड़े में बदलता जा रहा।
अध्यापक से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मियों ने खोला मोर्चा
कॉलेज में तैनात रहे संस्कृत विषय के शिक्षक अभय कुमार को प्रिंसिपल से हुए विवाद के बाद निलंबित कर दिया गया। कुछ समय बाद वह बहाल तो हो गए पर उनका कहना है कि शिक्षण कार्य करने की इच्छा के विपरीत उन्हें कॉलेज मे सिर्फ बैठने दिया जा रहा, वही प्रिंसिपल ने उनके अन्य भत्तों पर भी स्व स्तर पर रोक लगा रखी है। जबकि डीआईओएस ने इस सम्बंध में प्रिंसिपल को पत्राचार कर भत्ते आदि देने के निर्देश दिए गए हैं पर प्रिंसिपल अपनी मनमानी पर उतर आए हैं। इसी तरह यहां तैनात रहे चतुर्थ श्रेणी कर्मी की पत्नी ने प्रिंसिपल पर गम्भीर आरोप लगाए, रसोइयां ने दूसरे का चयन करने के लिए उसको सेवा से निष्कासित करने की शिकायत की। एक अन्य कर्मी ने उत्पीड़न करने धमकी देने व वेतन रोकने का आरोप मढ़ा। इन तीनो कर्मियों के आरोपो की जांच तक नही हुई अव्वल प्रिंसिपल की तहरीर पर उल्टे चार कर्मियों के खिलाफ एससीएसटी एक्ट में मामला दर्ज कर लिया गया।
कार्रवाई के सवाल पर सबने साध रखी है चुप्पी
जिला विद्यालय निरीक्षक स्तर पर आदेश निर्देश को लेकर पत्राचार तो किया जा रहा पर प्रकरण के निस्तारण को लेकर कोई पहल नही की गई है, और नही विवाद शांत करने के ही प्रयास हुए। वहीं कॉलेज के प्रबंधक सरदार आलोक सिंह का कहना है कि उनकी नजर बराबर बनी हुई है, चूंकि प्रकरण सक्षम अधिकारी तक है इसलिए अभी कुछ कहना सम्भव नही। कॉलेज का शैक्षणिक माहौल बिगड़ने नही दिया जाएगा। जो जरूरी होगा वह कदम उठाया जाएगा।