अवधनामा संवाददाता
मंदिरों में सुबह से लगी रही भक्तों की भीड़
नगर के प्रत्येक मंदिर से निकले भगवान जी के विमान
ललितपुर। सनातन धर्म की प्राचीन परम्पराओं के अनुसार जलविहार पर्व आज जनपद में अगाध श्रद्धा व उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर नगर में विमानों की भव्य शोभा यात्रा निकाली गई तथा सुम्मेरा तालाब पर श्रीजी का जलाभिषेक किया गया। गौरतलब है कि इस वर्ष सुम्मेरा तालाब को जिला प्रशासन व नगर पालिका परिषद ने अत्याधुनिक व आकर्षक तरीके से सजाया था। फलस्वरूप घाटों पर इस बार के जल बिहार ऐतिहासिकता बिखेरता गया। नौकाओं में श्रीजी को सवार कर जल बिहार कराया गया। विमानों के दर्शनार्थ श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा था। जल विहार पर्व को लेकर आज सुबह से ही सभी देवालयों में धार्मिक कार्यक्रम शुरू हो गए थे। प्राचीन काल से चली आ रही परम्परा के अनुसार अपरांह मोहल्ला चौबयाना स्थित श्रीरघुनाथजी बड़ा मन्दिर से सबसे पहले विमानों की शोभा यात्रा निकाली गई। इस शोभा यात्रा के शुरू होते ही आसपास स्थित देवालयों के विमान भी इस शोभा यात्रा में शामिल हो गए। तत्पश्चात रावरपुरा, महावरीपुरा, घंटाघर, सावरकर चौक पर अन्य देवालयों से आये विमानों का मिलन हुआ। रावरपुरा में विमानों का सम्मलिन होने के पश्चात इस ऐतिहासिक शोभा यात्रा ने वृहद रूप धारण कर लिया। गाजे बाजे व शंख झालरों की झनकारों से गुंजायमान इस शोभा यात्रा में श्रद्धालुओं का भक्तिभाव देखते ही बनता था।
शोभायात्रा में जहां शामिल हजारों श्रद्धालु विमानों में आरुढ़ भगवान को अपने कंधे पर उठाने को आतुर थे। वहीं जुलूस मार्ग के किनारे खड़े हजारों श्रद्घालू विमानों पर पुष्प वर्षा कर रहे थे। बताया जाता है कि श्रीजी के विमानों को कंधा देने से मनुष्य पापों व कष्टïों से मुक्त हो जाता है। इसलिए आज शोभा यात्रा में विमानों को कंधा देने की होड़ मची हुई थी। पूरा नगर भगवान के जय-जय कारों से गुंजायमान था। चारों तरफ धर्म की ब्यार बिखरी हुई थी। विमानों की शोभायात्रा घंटाघर, सावरकर चौक, तालाबपुरा होती हुई सुम्मेरा तालाब पहुंची। सुम्मेरा तालाब में विमानों के बिहार कराने की परम्परा काफी प्राचीन है। तालाब के घाटों पर गंगाजल से श्रीजी के अभिषेक किया गया। सुम्मेरा तालाब के सभी घाट व देवालय श्रद्धालुओं से पटे पड़े थे। कहीं भी तिल रखने को जगह नहीं थी। जल बिहार कार्यक्रम शंख झालर घडिय़ालों की टंकार के मध्य सम्पन्न हुआ। जहां एक तरफ घाटों पर बैठे श्रद्धालु भगवान की प्रशंसा में धार्मिक गीत गा रहे थे वहीं मंत्रोच्चार का दौर भी चल रहा था। जल बिहार के पश्चात भगवान को नौकाओं के द्वारा वापस घाटों पर लाये गये। नृसिंह मन्दिर रामलीला मैदान में सभी विमानों की शोभायात्रा सजायी गयी। सामूहिक रूप से मंगला आरती उतारी गयी।
इससे पूर्व निकली शोभा यात्रा में श्री रघुनाथ जी बड़ा मंदिर के अलावा श्री जगदीश मंदिर, विजय राघव जी मंदिर, श्री रामराजा मंदिर, चण्डी माता मन्दिर नई बस्ती, सिद्घ मंदिर कंचनघाट, सीतापाठ मंदिर, गणेश मंदिर तालाबपुरा, रिसाला मंदिर आजादपुरा, पुरानी बजरिया, गुप्तेश्वर मंदिर, कौशल किशोर मंदिर कुश कुटी, जुगल किशोर मंदिर रामनगर, बलखण्डी मंदिर, बिहारी जी मंदिर, हनुमान मंदिर तखत घाट, तुवन मंदिर, राम मंदिर, राजा रामजानकी मंदिर, पंचमुखी हनुमान मंदिर रावतयाना, राजाराम मन्दिर सिवनीखुर्द, हनुमानगढ़ी मन्दिर नदीपुरा, हनुमान मंदिर महावीरपुरा, यदुकुल मन्दिर चांदमारी, मदन मोहन मंदिर, शिव मन्दिर विष्णु मंदिर, संकट मोचन मंदिर सिंचाई कालोनी, सिंह वाहिनी नेहरू नगर के अलावा विभिन्न देवालयों के विमान शामिल थे। सुम्मेरा तालाब पर श्रीरामलीला हनुमान जयंती महोत्सव समिति द्वारा जल विहार की व्यवस्था बनाई गई थी। जबकि प्रशासन द्वारा सुरक्षा व नगर पालिका द्वारा साफ-सफाई के चौकस प्रबंध किए गए थे। पुलिस व स्वयं सेवी संगठनों के पदाधिकारी श्रद्घालुओं की भीड़ को नियंत्रित करते रहे।
शोभायात्रा मार्ग पर जगह-जगह विमान में आरूढ़ भगवान की आरती उतार कर स्वागत किया गया। शोभा यात्रा की वापसी पर कटरा बाजार, चौबयाना सटक चौराहा पर गणेश महोत्सव समिति द्वारा विमानों की सामूहिक आरती उतारी गई। जल बिहार पर्व शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने के लिए जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। सुरक्षा की दृष्टिï से भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। कार्यक्रम के सफल आयोजन को लेकर जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी, पुलिस अधीक्षक मो.मुश्ताक के निर्देशन में व्यवस्थायें चौकस रहीं। वहीं नगर पालिका परिषद के द्वारा शहर में सफाई व्यवस्थाओं पर विशेष जोर रहा। इस अवसर पर अध्यक्ष बृजेश चतुर्वेदी, रमेश रावत, जगदीश पाठक, श्यामाकांत चौबे, राजेश दुबे, प्रबंधक हरविंदर सिंह सलूजा, अमित तिवारी, डा.प्रबल सक्सेना, राकेश तामिया, चंद्रशेखर राठौर, भरत रिछारिया, हरिमोहन चौरसिया, शिवकुमार शर्मा, धर्मेंद्र चौबे, अवधेश कौशिक के अलावा हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।