पूरे देश में 9970 सहायक लोको पायलट (एएलपी) तैनात किए जाएंगे। रेलवे बोर्ड ने 16 जोन से प्राप्त प्रस्तावित पदों की समीक्षा के बाद तैनाती को मंजूरी दे दी है। सबसे कम पद पूर्वोत्तर रेलवे में 100 और सबसे अधिक पद ईस्ट कोस्ट रेलवे में 1461 निर्धारित किए गए हैं। इस भर्ती से रेलवे में लोको पायलटों की कमी दूर होगी और ट्रेनों का संचालन सुचारू रूप से हो सकेगा।
पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) समेत भारतीय रेलवे स्तर पर देशभर में 9970 असिस्टेंट लोको पायलट (एएलपी) तैनात होंगे। 16 जोन (रेलवे के क्षेत्रीय मुख्यालय) से वर्ष 2025 के लिए प्राप्त प्रस्तावित पदों की समीक्षा करने के बाद रेलवे बोर्ड ने तैनाती की स्वीकृति प्रदान कर दी है। साथ ही सभी जोन के महाप्रबंधकों को ऑनलाइन इंडेंटिंग एंड रिक्रूटमेंट मैनेजमेंट सिस्टम (ओआइआरएमएस) पर इंडेंट (मांग पत्र) भेजने के लिए चिट्ठी भी लिख दी है। ताकि, भर्ती की प्रक्रिया यथाशीघ्र आरंभ कर दी जाए।
रेलवे बोर्ड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर शत्रुघ्न बेहरा ने 19 मार्च 2025 को लिखे गए पत्र में क्षेत्रवार एएलपी के पदों का आवंटन भी सुनिश्चित कर दिया है। इनमें सबसे कम पूर्वोत्तर रेलवे में 100 पद तथा सबसे अधिक ईस्ट कोस्ट रेलवे के लिए 1461 पद निर्धारित किया है।
दरअसल, पूर्वोत्तर रेलवे में अभी भी वर्ष 2018 में ज्ञापित सहायक लोको पायलटों और तकनीशियन के पदों की भर्ती पूरी नहीं हो पाई है। वेंटिंग के अभ्यर्थी रेलवे भर्ती बोर्ड कार्यालय गोरखपुर का चक्कर लगा रहे हैं। रेलवे भर्ती बोर्ड कार्यालय गोरखपुर में दो-दो बार भर्ती में फर्जीवाड़ा का मामला भी प्रकाश में आ चुका है। रेलवे बोर्ड स्तर पर विजिलेंस जांच चल रही है।
फिलहाल, रेल मंत्रालय की पहल पर सहायक लोको पायलटों की नई भर्ती की अधिसूचना परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए संजीवनी साबित होगी, जो रेलवे में भर्ती प्रक्रिया शुरू होने की प्रतीक्षा कर रहे थे। दरअसल, भारतीय रेलवे स्तर पर ट्रैक क्षमता के साथ ट्रेनों की संख्या भी बढ़ रही है।
त्योहारों में रिकार्ड संख्या में स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। महाकुंभ में ही पूर्वोत्तर रेलवे में नियमित के अलावा लगभग 1700 स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। ट्रेनों की संख्या बढ़ने पर लोको पायलटों को पर्याप्त विश्राम नहीं मिल पा रहा। हर पल संरक्षा प्रभावित होने की आशंका बनी रहती है।