हमीरपुर की दो बुजुर्ग महिलाओं ने योग से बदला जीवन

0
280

उम्र के आखिरी पड़ाव में भी कम नहीं हुई आंखों की रोशनी

हमीरपुर 21 जून (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में दो बुजुर्ग महिलाओं ने योग और प्राणायाम के जरिए बुढ़ापे को न सिर्फ मात दी बल्कि वह आज तक अस्पताल की चौखट पर कदम भी नहीं रखीं। इतनी उम्र होने के बाद भी ये खुद ही अपने हाथों काम करती हैं। यहां एक और बुजुर्ग महिला भी स्वस्थ रहने को योग कर रही हैं। योग के कारण कैंसर बीमारी भी इसका कुछ बिगाड़ नहीं सकी।

हमीरपुर शहर के पटकाना मुहाल निवासी राधा रानी (80) अपनी बहू और नाती के साथ रहती हैं। उनका परिवार बहुत ही गरीब है। पिछले कई दशक से ये अपना स्वयं का काम तो करती ही हैं साथ ही पड़ोस में भी लोगों के काम में आगे रहती हैं। खास बात यह है कि ये बुजुर्ग महिला आज भी शारीरिक रूप से स्वस्थ है। क्योंकि इसने योग और प्राणायाम से नाता जोड़ रखा है। महिला ने बताया कि पिछले 20 सालों से घर में ही योग और प्राणायाम करने से कभी बीमार नहीं हुईं। दो बेटों की मां राधा रानी नानी और दादी बन चुकी हैं। इसके बावजूद ये घर का काम करती हैं साथ ही पड़ोस में शादी विवाह के मौके पर भी सारा काम करती हैं। उनका कहना है कि कई दशक गुजर गए लेकिन आज तक बीमार होकर अस्पताल नहीं गई। आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर राधा रानी और कैलासवती ने बच्चों के साथ योग और प्राणायाम किया। यहां 106 साल की बुजुर्ग महिला विजय कुमारी ने भी योग किया।

हमीरपुर शहर के मिश्राना मुहाल में कैलासवती 90 साल की उम्र होने के बाद भी ये पिछले कई सालों से योग करती हैं। योग से इनका जीवन ही बदल गया है। इसके तीन बेटे और तीन बेटियां हैं। इन्हें नानी और दादी बनने का सुख मिल चुका है। उन्होंने बताया कि 25 साल पहले कैंसर हो गया था। कैंसर हास्पिटल कानपुर में डा. ईश्वर चन्द्र खरे ने जांच की तो पता चला कि कैंसर है। गंभीर बीमारी पता चलने के बाद इसने साहस नहीं छोड़ा और घर आकर दवाएं लेने के साथ ही नियमित योग व प्राणायाम करने लगीं। कई दशक बीत गए लेकिन कैंसर बीमारी भी इस बुजुर्ग महिला का कुछ बिगाड़ नहीं सकी।

कैलासवती और राधा रानी उम्र के आखिरी पड़ाव में भी पूरी तरह से स्वस्थ हैं। दोनों की आंखों की रोशनी भी कम नहीं हुई। बिना चश्मा के ही खुद का काम करती हैं। खास बात यह है कि इन दोनों बुजुर्ग महिलाओं के दांत आज भी मजबूत हैं। इसीलिए सुपारी का गुटखा बड़े ही चाव से खाती है। दोनों महिलाओं ने योग दिवस पर प्राणायाम किया। बच्चों ने भी इसके साथ योग किया। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर दोनों बुजुर्ग महिलाओं ने बताया कि ये चमत्कार योग के कारण हुआ है। यदि नई पीढ़ी के बच्चे घर में ही कम से कम बीस मिनट नियमित रूप से योग और प्राणायाम करते हैं तो उनका जीवन निरोगी हो जाएगा।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here