नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत-चीन सीमा की सुरक्षा करने वाली भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की सात नई बटालियन और एक रीजनल हेडक्वार्टर के गठन को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही 9400 नए पद भी बनाए जाएंगे। नई बटालियन के लिए एक अतिरिक्त सेक्टर हेडक्वार्टर भी बनाया जाएगा।
बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की हुई बैठक में ये फैसला लिया गया। मीटिंग की जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में इसकी मंजूरी दी गई।
15 जून को गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। वहीं अमेरिकी न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें चीन के 38 सैनिक भी मारे गए थे।
47 नए बॉर्डर आउट पोस्ट और 12 स्ट्रैटेजिक कैंप का काम जारी
ठाकुर ने कहा कि भारत-चीन सीमा की निगरानी कर रही आईटीबीपी अभी 176 बॉर्डर आउट पोस्ट की निगरानी कर रही है। उन्होंने बताया कि चीन के साथ लगी लंबी सीमा की निगरानी के लिए और सुरक्षाबल, बॉर्डर आउट पोस्ट की जरूरत थी। 2025-26 तक इसे पूरा कर लिया जाएगा।
इसके अलावा आईटीबीपी के 47 नए बॉर्डर आउट पोस्ट और 12 स्ट्रैटेजिक कैंप स्थापित करने के प्रस्ताव को सरकार ने जनवरी 2020 में ही अनुमति प्रदान कर दी थी। इनका काम तेजी से चल रहा है। इनके लिए जो अतिरिक्त बल की आवश्यकता होगी, उसके लिए सात नई बटालियन बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
लद्दाख की ऑल वेदर कनेक्टिविटी के लिए बनेगा सिंकुला टनल
ठाकुर ने लद्दाख की ऑल वेदर कनेक्टिविटी के लिए 4 किलोमीटर लंबी सिंकुला टनल के निर्माण की मंजूरी की भी जानकारी दी। इसके साथ एप्रोच रोड भी बनाया जाएगा। इसके लिए 1681 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। टनल 2025 तक बना ली जाएगी।
इसके बनने से किसी भी मौसम में लद्दाख की कनेक्टिविटी देश के दूसरे राज्यों से बनी रहेगी। बर्फीले मौसम में भी सेना को मूवमेंट में परेशानी नहीं होगी। ठाकुर ने बताया कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनाली से लेह को जोडऩे वाली अटल टनल का उद्घाटन किया था, जो बर्फीले मौसम में भी बंद नहीं होगी।
चीन बॉर्डर पर तैनात आईटीबीपी की 7 नई बटालियन बनेंगी :9400 नए पद और एक सेक्टर हेडक्वार्टर की भी मंजूरी
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