आंध्र प्रदेश में दम घुटने से 7 मजदूरों की मौत

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तेल फैक्ट्री में टैंकर की सफाई के दौरान हादसा, 10 दिन पहले जॉइन की थी नौकरी

आंध्र प्रदेश में बड़ा हादसा, तेल टैंकर में सफाई के लिए उतरे सात मजदूरों की मौत

काकीनाडा (आंध्र प्रदेश)। आंध्र प्रदेश के काकीनाडा जिले में बड़ा हादसा हुआ है। ऑयल फैक्ट्री के टैंकरों की सफाई के दौरान सात मजदूरों की मौत हो गई है। मौत का कारण मजदूरों का दम घुटना बताया जा रहा है। हादसे के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है।
पुलिस ने बताया कि रागमपेट गांव के पास खाने के तेल की फैक्ट्री है। ये हादसा गुरुवार सुबह करीब सात बजे हुआ है। शुरुआती जानकारी में पता चला है कि मृतक पेड्डापुरम मंडल के पडेरू और पुलीमेरु के रहने वाले थे।
चश्मदीद ने दी जानकारी
एक चश्मदीद ने हादसे के बारे में बताया है। उसने कहा कि पहले एक मजदूर टैंक में घुसा, जब वो बाहर नहीं आया तो उसके पीछे बाकी मजदूर भी टैंकर में घुसे।
परिजनों ने लगाए आरोप
मजदूरों की मौत के बाद उनके परिवार में मातम पसर गया है। परिजनों ने फैक्ट्री प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि फैक्ट्री की तरफ से कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं किए थे। फिलहाल पुलिस मामले की तफ्तीश में जुट गई है।
अधिकारियों ने बताया कि सुबह 9.30 बजे के आसपास मजदूरों को अंबाती सुब्बन्ना ऑयल फैक्ट्री के बंद पड़े टैंकर की जांच करने के लिए कहा गया। रेडप्पा ने मैनहोल से सबसे पहले टैंकर में प्रवेश किया। जब उसने कुछ देर तक जवाब नहीं दिया तो तीन अन्य मजदूर टैंकर में उतरे। जब उन्हें भी सांस लेने में तकलीफ हुई तो वे मदद के लिए चिल्लाने लगे।
इसके बाद तीन और मजदूर उन्हें बचाने के लिए टैंकर में उतरे, लेकिन जहरीली गैस की चपेट में आकर सभी बेहोश हो गए। इसके बाद शिवकुमार रेड्डी नीचे गए। उन्हें भी सांस लेने में तकलीफ होने लगी, तो उन्होंने चिल्लाना शुरू किया। इसके बाद सभी मजदूरों को बाहर निकालकर पास के सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनमें से 6 को मृत घोषित कर दिया। 7वें मजदूर की मौत इलाज के दौरान हुई। जबकि शिवकुमार रेड्डी (43) को तमिलनाडु के वेलुरु में ट्रांसफर कर दिया गया।
मृतकों की पहचान एम रमेश (32), जी गोविंदा स्वामी (35), बी रामचंद्र (23), ए रेडप्पा (30), आर बाबू (30), अय्यम रेड्डी पल्ले के केशव (20) और बी वेंकट राजुलु (23) के रूप में हुई है। मृतकों में से 5 अल्लूरी सीताराम राजू जिले के पडेरू के हैं, जबकि दो मंडल के पुलीमेरू गांव के हैं। इन सभी ने 10 दिन पहले नौकरी जॉइन की थी। सूत्रों के मुताबिक ये तेल फैक्ट्री फैक्ट्रीज एक्ट के तहत रजिस्टर्ड नहीं थी। आशंका जताई जा रही है कि जहरीली गैसों के कारण ये सभी मौतें हुई हैं।
मृतक के परिवारों को मिलेगी 25 लाख रुपए की मदद
जिला अग्निशमन अधिकारी वी श्रीनिवास रेड्डी ने कहा कि हैचरी के पास अग्निशमन विभाग से एनओसी नहीं थी। पुलिस ने धारा 304ए (लापरवाही से मौत) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। राज्य सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 10 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है, जबकि कंपनी 15 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने पर सहमत हुई है।

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