सम्मेलन में 60 पुरुष बने ‘मिस्टर स्मार्ट’

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अवधनामा संवाददाता

बांदा। परिवार नियोजन में पुरुषों की सहभागिता बढ़ाने के लिए छह जुलाई से 11 जुलाई तक मिस्टर स्मार्ट सम्मेलन आयोजित किए गए। यह अभियान पायलट प्रोजेक्ट के रूप में मंडल के बांदा जनपद के जसपुरा ब्लाक के चयनित 20 उपकेंद्रों में चलाया गया। प्रतियोगिता के जरिए योग्य पुरुष को सम्मानित किया गया। अभियान में 60 पुरुष सम्मानित हुए।
चित्रकूटधाम मंडल के अपर निदेशक स्वास्थ्य डा. नरेश सिंह तोमर ने बताया कि सिफ्सा की ओर से प्रदेश के 15 मंडलों के एक-एक ब्लाक में यह अभियान पायलट प्रोजेक्ट के रूप में मनाया गया। बांदा के जसपुरा के 20 स्वास्थ्य उपकेंद्रों को इसके लिए चयनित किया गया था। उन्होंने बताया कि नसबंदी के प्रति पुरुषों में जागरूकता लाने, परिवार नियोजन में सहभागिता बढ़ाने व पत्नी का सहयोग करने के लिए यह नई पहल की गई है।
सिफ्सा के मंडलीय कार्यक्रम प्रबन्धक आलोक कुमार ने बताया कि परिवार नियोजन के लिए महिलाओं के साथ ही वहीं पुरूषों को भी इसमें बड़ी भूमिका निभाई चाहिए। इसी उद्देश्य से सरकार द्वारा ब्लॉक स्तर पर मिस्टर स्मार्ट सम्मेलन का आयोजन हुआ। लोगों को गर्भ निरोधकों के उचित उपयोग के बारे में संवेदीकृत किया गया। इन्हें बास्केट ऑफ च्वाइस के अन्तर्गत परिवार नियोजन संबंधी महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर जानकारी दी गई। स्मार्ट सम्मेलन में 638 पुरुषों ने प्रतिभाग किया। इसमें 117 नवविवाहित हैं। 135 ऐसे पुरुष रहे जिन्होंने विवाह के दो साल के बाद पहला बच्चा किया। 149 पुरुषों ने दो बच्चों के जन्म में तीन वर्ष का अंतर रखा। इसी तरह सम्मेलन में प्रतिभाग करने वाले 21 पुरुष दो बच्चों पर नसबंदी करवा चुके थे और 138 लोगों के तीन से अधिक बच्चे थे। कुल प्रतिभागियों में 60 पुरुषों को मिस्टर स्मार्ट चिन्हित कर सम्मानित किया गया।
इनसेट-
बास्केट आफ च्वाइस का विकल्प
बांदा। मंडलीय कार्यक्रम प्रबंधक आलोक कुमार ने बताया कि परिवार को सीमित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास बास्केट ऑफ च्वाइस का विकल्प मौजूद है, जिसमें स्थायी और अस्थायी साधनों को शामिल किया गया है। अस्थायी साधनों में अपनी पसंद का साधन चुनकर शादी के दो साल बाद ही बच्चे के जन्म की योजना बना सकते हैं। दो बच्चों के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर भी रख सकते हैं। दो बच्चों के जन्म में पर्याप्त अंतर रखना मां और बच्चे दोनों की बेहतर सेहत के लिए बहुत जरूरी है। जब परिवार पूरा हो जाए तो स्थायी साधन के रूप में नसबंदी का विकल्प चुन सकते हैं।

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