अवधनामा संवाददाता
बाराबंकी। सौहार्द की प्रतीक सबसे प्रचीनतम दरगाह शरीफ हजरत सैयद सालार साहू ग़ाज़ी (बूढ़े बाबा) स्थिति क़स्बा सतरिख जेष्ठ माह का पांच दिवसिय 1020 वां उर्स/मेला बड़े मंगल के बाद बुधवार 10 मई से अपने पारम्परिक रीति-रिवाजों के साथ सांस्कृतिक सामाजिक धार्मिक एवं मनोरंजक कार्यक्रमों के साथ बड़े हर्षो-ओ-उल्लास के साथ शुरू होगा।
इस उर्स/मेले में प्रत्येकत धर्म एवम समुदाय के श्रद्धालु दूर दराज से भारी संख्या में बाबा के आस्ताने पर आकर अपनी अटूट आस्था वयक्त करते हुवे श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं तथा फूलों की डाली के साथ चादर गागर पेश करते हैं और एक साथ मिल कर मुल्क और क़ौम के अम्न चैन की दुआएं करते हैं और हिन्दू भाई अपने बच्चों के मुण्डन संस्कार बड़े धूम धाम से कराते हैं मन्नतें पूरी होने पे निशान भी खड़ा करते हैं। इसके अतिरिक्त सूफियाना कव्वाली के साथ निरंतर यह सिलसिला जारी रहता है।
प्रबन्ध कमेटी के जनरल सेक्रेटरी चौधरी कलीमुद्दीन उस्मानी ने बताया कि आने वाले ज़ायरीनों (श्रद्धालुओं) के लिये रौशनी, पानी, सफाई आदि की सुचारू सुविधा एवं व्यवस्था के लिये मेला प्रभारी सरफ़राज़ अहमद खान के साथ चौधरी फरजान उस्मानी, फ़ौजान उस्मानी, असगर अली अंसारी, सुंदरलाल गौतम, राम सिंह, रामू यादव, सद्दाम हुसैन, मोहम्मद राशिद उर्फ पप्पू मियां, जुनैद सौलंकी आदि लोगों की एक टीम गठित कर दी गई है।
श्री उस्मानी ने बताया कि मेले की सुव्यवस्था एवम जनसामान्य के लिये जिला मजिस्ट्रेट बाराबंकी के निर्देशानुसार जिला प्रशासन के अधिकारियों के सहयोग से रोशनी पानी सफाई चिकित्सा सुरक्षा एवं शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए सभी प्रबंध किए जाते हैं।