प्रागैतिहासिक नवागढ़ में 46 दिवसीय मंगल अनुष्ठान

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वार्षिक महामस्तकाभिषेक पर होंगे अनेक आयोजन, सम्मेलन

ललितपुर। अतिशय क्षेत्र नवागढ़ में आयोजित 46 दिवसीय विशेष जप अनुष्ठान एवं विधान का आयोजन निरन्तर चल रहा है। विशेष अनुष्ठान ब्रह्मचारी जयकुमार एवं ब्रह्मचारिणी मानी दीदी के निर्देशन में संपन्न किया गया। संगीत की स्वर लहरी पर आज आठ परिवारों ने भगवान अरनाथ स्वामी के चरणों में  शताधिक श्रावक, श्राविकाओं,अष्टकुमारियों ने विधान संपन्न करके अतिशय पुण्य संचय किया। इस मौके पर निर्देशक ब्र.जयकुमार ने बताया कि प्रागैतिहासिक क्षेत्र नवागढ़ जहां भगवान अरनाथ स्वामी के सातवीं सदी के जिनालय के लिए विख्यात है। वही जंगल में स्थित साधना शैलाश्रयों, रॉक पेंटिंग, रॉक आर्ट के साथ हजारों वर्ष प्राचीन जैन संस्कृति को भी संरक्षित किए हुए हैं। कमेटी के प्रचारमंत्री डा.सुनील संचय ने बताया कि इस अनुष्ठान का समापन भगवान अरनाथ स्वामी के गर्भ कल्याणक के पावन अवसर पर 2 मार्च 25 रविवार को विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम, क्षेत्रीय पदाधिकारी के सम्मेलन एवं अखिल भारतीय महिला सम्मेलन के साथ संपन्न किया जाएगा। आयोजन की भव्यता को लेकर कमेटी द्वारा भव्य तैयारियां की जा रही हैं। पुरावेत्ताओं के निर्देशन अनुसार मूलनायक मनोकामना पूर्ण अतिशयकारी अरनाथ तीर्थंकर के बिम्ब का प्रतिदिन अभिषेक नहीं किया जाता है। इसका महामस्तकाभिषेक फाल्गुन शुक्ल तृतीया गर्भ कल्याणक के दिन ही संपन्न किया जाता है। अतएव मूलनायक अरनाथ भगवान का वार्षिक महामस्तकाभिषेक 1 व 2 मार्च को होगा।

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