जनपद की 42 स्टॉफ नर्सों को मिला नियुक्ति पत्र, चेहरे खिले

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अवधनामा संवाददाता

आजमगढ़। नर्सें चिकित्सा व्यवस्था की मजबूत कड़ी होती हैं। बेसिक दारोमदार इन्हीं पर होता है। अस्पताल में मरीज के साथ सबसे ज्यादा समय नर्स बिताती हैं। सिर्फ दवाएं ही नहीं, नर्सों का व्यवहार भी मरीज की बीमारी को दूर करता है। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आईएन तिवारी का। डॉ तिवारी लोक सेवा आयोग से चयनित स्टाफ नर्सों को मिले नियुक्ति पत्र पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे।

सीएमओ ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को लखनऊ में लोक सेवा आयोग से चयनित स्टाफ नर्सों को नियुक्ति पत्र वितरित किया। सीएम ने प्रदेश भर की चयनित 1354 स्टाफ नर्सों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। इसी क्रम में जनपद की 42 स्टाफ नर्सों को लखनऊ में नियुक्ति पत्र मिला है। शासन से ही उनकी पोस्टिंग पड़ोस के जिलों में की गयी है, इसके अलावा आजमगढ़ में 15 स्टाफ नर्सों की नियुक्ति हुई है। उन्होंने कहा कि नर्सें चिकित्सा व्यवस्था की मजबूत कड़ी होती हैं। बेसिक दारोमदार इन्हों पर होता है। अस्पताल में मरीज के साथ सबसे ज्यादा समय नर्स बिताती हैं। सिर्फ दवाएं ही नहीं, नर्सों का व्यवहार भी मरीज की बीमारी को दूर करता है। नर्सों का व्यवहार ऐसा होना चाहिए कि मरीज अपनी बीमारी को भूल जाए। इससे अस्पताल के माहौल को भी स्वस्थ और सकारात्मक बनाने में मदद मिलती है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ उमा शरण पाण्डेय ने बताया कि यह तो तय है कि सिर्फ दवा से कोई भी व्यक्ति जल्दी ठीक नहीं होता है। अस्पताल या फिर मेडिकल कालेज का माहौल भी उसको जल्दी फिट होने में काफी मदद करता है। उन्होंने कहा कि सभी स्टाफ नर्स को प्रशिक्षण के दौरान जो सिखाया गया है, उसको वह अपने कार्यस्थल पर सामने लाएं। आप लोगों को बड़ी जिम्मेदारी दी जाती है। आप सभी चिकित्सकों के कंधे से कंधा मिलाकर लोगों को राहत देने का काम करती हैं। स्वास्थ्य विभाग खुद को स्थापित करने की दिशा में अब तेजी से अग्रसर हो रहा है। जिससे सभी जरूरतमंद को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा उपलब्द्ध हो सकेगी।

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