नासा में छंटनी की तैयारी है जिसमें लगभग 2145 कर्मचारियों को निकाला जा सकता है। बजट कटौती और एजेंसी के काम को प्राथमिकता देने की योजना के चलते यह फैसला लिया गया है। इससे वैज्ञानिक ढांचे पर असर पड़ने की आशंका है क्योंकि GS-13 से GS-15 ग्रेड के कर्मचारियों पर असर पड़ेगा। नासा सीमित बजट में प्राथमिकताएं तय करने के लिए प्रतिबद्ध है।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA इन दिनों एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रही है। खबर है कि नासा अपने करीब 2145 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी कर रही है।
अमेरिकी मीडिया आउटलेट पॉलिटिको (Politico) ने इस बारे में जानकारी दी है। बताया गया है कि कर्मचारियों की छंटनी बजट में कटौती और एजेंसी के काम को ज्यादा प्राथमिकता देने की योजना का हिस्सा है।
NASA के इस फैसले से वैज्ञानिक ढांचे पर बड़ा असर पड़ने की उम्मीद जताई जा रही है। Politico की रिपोर्ट के मुताबिक, जो कर्मचारी निकाले जा रहे हैं वे ज्यादातर GS-13 से GS-15 ग्रेड के हैं, जो अमेरिका की सरकारी सेवा में वरिष्ठ पद माने जाते हैं।
निकले जाने वाले कर्मचारियों को NASA के तीन विकल्प
जल्दी रिटायरमेंट
बायआउट
स्थगित इस्तीफा
ट्रंप के फैसलों से NASA पर पड़ा असर
NASA की प्रवक्ता बेथनी स्टीवंस ने रॉयटर्स को बताया, “हम अपने मिशन के प्रति प्रतिबद्ध हैं, लेकिन अब हमें सीमित बजट में प्राथमिकताएं तय करनी होगी।”
बता दें, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में NASA और अमेरिका की अंतरिक्ष नीति में कई बदलाव हुए हैं। NASA के 18 हजार कर्मचारियों की टीम पर भी इसका असर पड़ा है।
ट्रंप-मस्क के बीच बढ़ी दूरी
ट्रंप ने NASA के नए एडमिनिस्ट्रेटर के तौर पर बिलियनर और स्पेसएक्स के समर्थक जारेड आइजैकमैन को नामित किया था। लेकिन ट्रंप और एलन मस्क के बीच आई दूरियों के बाद व्हाइट हाउस ने आइजैकमैन का नाम हटा दिया, जिससे यह नियुक्ति टल गई