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सीमाओं पर सैनिक जागते हैं तब हम चैन से अपने घर में सोते हैं : नाईक
लखनऊ। 18 वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर बुधवार को नगर निगम द्वारा ‘कारगिल शहीद स्मृति वाटिका’ में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा व प्रदेश सरकार के मंत्रीगण के साथ कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उनके परिजनों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में मंत्री सुरेश खन्ना, मंत्री आशुतोष टण्डन, मंत्री डाॅ रीता बहुगुणा जोशी, मंत्री बृजेश पाठक, राज्यमंत्री स्वाति सिंह, राज्यमंत्री मोहसिन रज़ा, प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज सिंह, नगर आयुक्त उदयराज सिंह, पार्षदगण सहित कारगिल शहीदों के परिजन, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, छात्र-छात्रायें व अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने देशभक्ति से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए।
राज्यपाल ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले तीन साल से वे लगातार कारगिल विजय दिवस के अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए यहाँ आते रहे हैं। इस बार मंच पर यह अंतर दिख रहा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमण्डल के सहयोगियों सहित उपस्थित हैं। राज्यपाल ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि लखनऊ के सैनिक स्कूल का नाम परिवर्तित कर परमवीर चक्र से सम्मानित शहीद कैप्टन मनोज पाण्डेय के नाम पर किए जाने की घोषणा राज्य सरकार द्वारा की गई है। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पूर्व सैनिक स्कूल के प्रधानाचार्य सहित अन्य लोगों ने मिलकर इस आशय का ज्ञापन उन्हें दिया था जिसको मुख्यमंत्री के पास भेजा गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उचित समय पर योग्य निर्णय लिया है जो सराहनीय है। उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री के इस निर्णय का भी समर्थन करते हैं कि सरकारी संस्थाओं का नाम शहीदों के नाम पर होगा तथा बच्चों की शिक्षा में ऐसे पाठ्यक्रम का समावेश किया जायेगा जिससे देशप्रेम की भावना पैदा हो। नाईक ने कहा कि कारगिल के शहीदों ने सीने पर गोली खाकर देश के लिए बलिदान दिया है। हमारे देश की सेना दिन-रात जागकर देश की सेवा करती है। हिमालय जैसे दुरूह स्थानों पर जाना आसान काम नहीं है मगर हमारे सैनिक कठिन परिस्थितियों में भी देश की सरहद की रक्षा करते हैं। सीमाओं पर सैनिक जागते हैं तब हम चैन से अपने घर में सोते हैं। समाज पर सैनिकों का अहसान है। उन्होंने सुझाव दिया कि विशेष तिथियों में शहीदों पर आधारित कार्यक्रमों का सजीव प्रसारण हो जिसे पूरा देश देखे और प्रेरणा प्राप्त करे। बच्चों को बचपन से ही देशभक्ति की शिक्षा देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने शहीदों से देशभक्ति के रास्ते पर चलने की प्रेरणा प्राप्त कर हमें देश के विकास की लड़ाई लड़ने के लिये आगे आना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राष्ट्रीय एकता, अखण्डता और स्वाधीनता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए हमारे सैनिक बलिदान देते हैं। शहीद का बलिदान ही राष्ट्र के लिए संजीवनी होती है। युवाओं को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 1965 एवं 1971 की लड़ाई तो बहुतों को नहीं याद होगी लेकिन युवाओं ने कारगिल के युद्ध के बारे में जरूर देखा या सुना होगा। तत्कालीन सरकार का निर्णय कि शहीदों का अंतिम संस्कार उनके गृह जनपद में होगा, के कारण राष्ट्रभक्ति का नया जज्बा देखने को मिला। भारत का इतिहास शौर्य और शहादत का इतिहास है। भारत अगर स्वाधीन है तो जान की बाजी लगाने वालों के कारण ही स्वाधीन है। उन्होंने कहा कि कारगिल का यह युद्ध उसी स्वाधीनता को आगे बढ़ाने का पड़ाव है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जनपद के नगर निगम में शहीदों को समर्पित पार्क का निर्माण होगा तो युवा पीढ़ी को देश के इतिहास को जानने और समझने के साथ-साथ देशभक्ति की प्रेरणा प्राप्त होगी। मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी चिंता व्यक्त की कि आजकल युवा सेना के बजाए मल्टी नेशनल कंपनी में सेवा करने को वरीयता दे रहे हैं। सेना से जुड़ने पर आने वाली पीढ़िया याद करती हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के निर्णय की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि लखनऊ सैनिक स्कूल का नाम कैप्टन मनोज पाण्डेय के नाम पर किया जायेगा तथा संस्थाओं का नाम कारगिल एवं सरहद पर शहीद होने वालों के नाम पर रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार शहीदों के परिजनों के प्रति संवेदनशील है तथा आश्वस्त किया कि सरकार शहीदों के परिवार के साथ है।
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा व नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने भी अपने विचार रखे।
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