अवधनामा ब्रेकिंग…..14 माह का वेतन न मिलने से टीबी अस्पताल के कर्मी ने की आत्महत्या
हताशा, भुखमरी और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया रामदरश
सीएमओ कार्यालय में वर्षों से तैनात एक बाबू द्धारा कर्मचारियों से वेतन भुगतान के लिए पैसा मांगने की चर्चा
मनव्वर रिज़वी
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गोरखपुर। आखिरकार इंसानी जिंदगी पर हताशा और भुखमरी ने जीत दर्ज कर ही ली। पिछले महीने टीबी अस्पताल के 45 संविदा कर्मचारियों का मामला उनके सीएमओ कार्यालय पर धरना देने के साथ ही अख़बारों और न्यूज़ चैनलों की सुर्खियां बना था और तभी अखबारी पड़ताल में टीबी अस्पताल के लिए गलत ढंग से की गई नियुक्तियों का मामला सामने आया था । मिडिया के प्रयास और संविदा कर्मियों के संघर्ष से सीएमओ ने 45 कर्मचारियों की काम वापसी तो करा दिया लेकिन उनका पिछले 14 माह का वेतन स्वास्थ्य विभाग की नौकरशाही में उलझकर रह गया और आज उन्ही 45 कर्मियों में से एक ने 14 माह से वेतन न मिलने के कारण भुखमरी और हताशा से अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली या यूँ कहा जाये की जिले के स्वास्थ्य विभाग ने उसकी हत्या कर दी। कितनी अजीब बात है कि मुख्यमंत्री के शहर में वेतन न मिलने के कारण अपनी जरूरतों और परिवार की भुखमरी से अजीज़ एक कर्मचारी ने आत्महत्या कर ली। सूत्रों के हवाले से खबर ये भी आ रही है कि इन कर्मचारियों से उनके 14 माह के वेतन भुगतान के एवज में गोरखपुर के सीएमओ कार्यालय में वर्षों से तैनात एक बाबू द्धारा पैसों की मांग भी की थी । अब तो यह जाँच की एक लंबी प्रक्रिया ही बता सकती है कि सच्चाई क्या है और इसका दोषी किसको मना जाये। बहरहाल इस मुद्दे पर अब जिम्मेदारों को अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना ही होगा वरना हताशा और भुखमरी से आत्महत्या करने का ये सिलसिला रामदरश से आगे भी जा सकता है।