12 साल के भारतवंशी अभिमन्यु मिश्रा ने 19 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ हासिल की बड़ी उपलब्धि

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12-year-old Indian-origin Abhimanyu Mishra broke the 19-year-old record and achieved a big achievement

नई दिल्ली (New Delhi) भारतीय मूल के 12 वर्षीय शतरंज खिलाड़ी अभिमन्यु मिश्रा ने इतिहास रचा है। अमेरिका के न्यूजर्सी में रहने वाले अभिमन्यु (12 साल 4 माह 25 दिन) दुनिया के सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बन गए हैं। उनसे पहले यह रिकॉर्ड रूस के सर्जेई कर्जाकिन के नाम था। सर्जेई कर्जाकिन जब 2002 में ग्रैंड मास्टर बने थे तब उनकी उम्र 12 साल और सात महीने थी।

अभिमन्यु ने बुडापेस्ट में हुए ग्रैंडमास्टर टूर्नामेंट में भारतीय ग्रैंडमास्टर लियॉन मेनडोंका को हराकर ये उपलब्धि हासिल की है। अभिमन्यु मिश्रा के पिता हेमंत मिश्रा अमेरिका के न्यू जर्सी में डेटा मैनेजमेंट से जुड़े हैं। अभिमन्यु मिश्रा जब ढाई साल के थे तब हेमंत ने उन्हें शतरंज से परिचय कराया था। वह पांचवें साल में ही अपने पिता को हराने लगे और स्थानीय टूर्नामेंट्स में हिस्सा लेने लगे थे। उन टूर्नामेंट्स में अभिमन्यु पिता की उम्र के खिलाड़ियों को हराने लगे थे।

अभिमन्यु के कोच अरुण प्रसाद ने उनसे जुड़ी एक घटना को इंडियन एक्सप्रेस के साथ साझा किया। अरुण प्रसाद ने बताया ‘वह सिर्फ नौ साल का था जब उसे एक 70 साल के खिलाड़ी के खिलाफ मैच में उतारा गया था। हालांकि अभिमन्यु ने कुछ ही देर में उसे हरा दिया। तब मुझे लगा था कि मैं इतिहास बनते हुए देख रहा हूं। मुझे जल्द ही अहसास हो गया कि अभिमन्यु सामान्य नहीं है। वह जो कुछ भी देखता है उसे याद करता है। अभिमन्यु को 2014 और 2015 के खेलों के मूव्स तक याद हैं। उनका दिमाग सब कुछ अपने में समाहित कर लेता है।

अभिमन्यु ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, ‘लियॉन के खिलाफ मुकाबला मुश्किल था, लेकिन आखिर में उनकी गलती का मुझे फायदा मिला। सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बनने की उपलब्धि हासिल कर मैं बहुत खुश हूं।

अभिमन्यु ने 7 साल की उम्र में यात्रा करना शुरू कर दी। वह अमेरिका में सबसे कम उम्र के राष्ट्रीय चैंपियन भी बने। इसके बाद अभिमन्यु (10 साल 9 माह तीन दिन) दुनिया के सबसे युवा अंतरराष्ट्रीय मास्टर बने। नवंबर 2019 में उन्होंने भारत के आर प्रागनंदा (10 साल 9 महीने 20 दिन) का रिकॉर्ड तोड़ा था।

अभिमन्यु को नौ राउंड में 2600 से ज्यादा की परफॉरमेंस रेटिंग मिली थी। अभिमन्यु अप्रैल 2021 से ही हंगरी में हैं। उन्होंने पहला और दूसरा ग्रैंडमास्टर नॉर्म अप्रैल और मई में हासिल किया था। बता दें कि ग्रैंडमास्टर बनने के लिए 100 ईएलओ (पॉइंट और 3 जीएम (नॉर्म की जरूरत होती है।

 

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