कोरोना महामारी से जंग में देश के 1168 डॉक्टर शहीद

0
130

अवधनामा ब्यूरो

नई दिल्ली. कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में त्राही-त्राही मचा दी है. इस महामारी ने लाखों लोगों को समय से पहले ही मार दिया. सुनने वालों को आश्चर्य लग सकता है मगर हकीकत यह है कि कोरोना मरीजों का इलाज करते हुए 1168 डॉक्टरों की जान चली गई. डॉक्टरों के जन गंवाने का सिलसिला अभी भी जारी है.

कोरोना मरीजों की जान बचाने में रात-दिन लगे हज़ारों डॉक्टर कोरोना संक्रमित हुए. बहुत से ठीक हो गए और बहुत से डॉक्टरों की जान चली गई. ठीक होने वाले डॉक्टरों ने अपना प्लाज्मा डोनेट कर बहुत से मरीजों की जान बचाने का काम किया.

कोरोना की पहली लहर के दौरान 748 डॉक्टरों की जान गई थी. दूसरी लहर आई तो 420 डॉक्टरों की उसमें जान चली गई. दूसरी लहर में अपनी जान गंवाने वाले डॉक्टरों में उत्तर प्रदेश के 41 डॉक्टरों की जान गई है. इन्डियन मेडिकल एसोसियेशन ने मरने वाले डॉक्टरों के बारे में जो डीटेल बनाई है उससे पता चलता है कि 22 राज्यों के डॉक्टर मरीजों का इलाज करते हुए खुद भी मरीज़ बन गए और अस्पताल के बिस्तर पर अपनी ज़िन्दगी की जंग हार गए.

यह भी पढ़ें : इसराइल ने मानी हार, हुआ युद्ध विराम

यह भी पढ़ें : वक़ार रिज़वी की नहीं ये तमाम कोशिशों की मौत है

यह भी पढ़ें : वकार भाई का जाना मेरे वजूद के एक हिस्से का कट जाना है

यह भी पढ़ें : वकार रिजवी की दसवें की मजलिस संपन्न

कोरोना की दूसरी लहर में मरने वाले 420 डॉक्टरों में 100 डॉक्टर तो सिर्फ दिल्ली के ही हैं. बिहार के 96, उत्तर प्रदेश के 41, गुजरात के 31, आंध्र प्रदेश के 26, तेलंगाना के 20, पश्चिम बंगाल और ओडीशा के 16-16 डॉक्टरों ने कोरोना को हराने में अपनी जान कुर्बान की है. महाराष्ट्र के 15 और तमिलनाडु के 14 डॉक्टरों ने भी अपनी आहुति दी.

कोरोना महामारी में इतनी बड़ी संख्या में डॉक्टरों की मौत वास्तव में देश के चिकित्सा जगत का भी बहुत बड़ा नुक्सान है. जान गंवाने वाले डॉक्टरों में ह्रदय रोग विशेषज्ञ भी शामिल हैं.

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here