यूपी में बिजली की बढ़ती मांग के बीच 1070 मेगावाट बिजली का उत्पादन घट गया है। उत्पादन घटने से बुधवार को ग्रामीणों को शहरवासियों की तरह 24 घंटे बिजली की आपूर्ति नहीं हो सकी। गांवों को 22 घंटे ही बिजली आपूर्ति पर सवाल उठाते हुए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद का कहना है कि बिजली का संकट होने पर सिर्फ गांवों में ही कटौती क्यों की जा रही है?
लखनऊ। पारा चढ़ने के साथ ही बिजली की बढ़ती मांग के बीच राज्य में 1070 मेगावाट बिजली का उत्पादन घट गया है। उत्पादन घटने से बुधवार को ग्रामीणों को शहरवासियों की तरह 24 घंटे बिजली की आपूर्ति नहीं हो सकी। गांवों को 22 घंटे ही बिजली आपूर्ति पर सवाल उठाते हुए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद का कहना है कि बिजली का संकट होने पर सिर्फ गांवों में ही कटौती क्यों की जा रही है?
दरअसल, गुरुवार को ललितपुर तापीय परियोजना की 660 मेगावाट की एक यूनिट के साथ ही ओबरा की 200 मेगावाट, ऊंचाहार की 210 मेगावाट बिजली उत्पादन करने वाली यूनिट रोस्टिंग व ब्रेकडाउन के चलते ठप हैं। ऐसे में उत्पादन ठप होने और मांग बढ़ने के कारण गांव से शहर तक में बुधवार को 24 घंटे बिजली की आपूर्ति नहीं हो सकी।
उपभोक्ता परिषद ने उठाए सवाल
फिर भी ऊर्जा मंत्री एके शर्मा द्वारा सभी को 24 घंटे बिजली आपूर्ति करने के दावे पर उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने सवाल उठाते हुए कहा कि गांव में तो लगभग दो घंटे की अघोषित बिजली कटौती हो रही है। वर्मा ने कहा कि यदि राज्य में बिजली की कमी है तो केवल गांव ही क्यों, भेदभाव किए बिना जिले व महानगर में भी समान रूप से बिजली की कटौती की जाए।