अवधनामा संवाददाता
प्रयागराज(Prayagraj)। भारतीय रेल गैर परम्परागत ऊर्जा स्रोतों के उपयोग एवं पारिस्थितिकी संतुलन के लिए प्रतिबद्ध है। इसी संकल्पना को साकार करने के लिए उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज मण्डल भारतीय रेलवे में अग्रणी भूमिका निभाते हुये सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर रहा है। अभी तक प्रयागराज मण्डल में 3.629 मेगा वाट पीक क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया गया है। जिसमें स्वयं रेलवे द्वारा 120 किलोवाट पीक क्षमता एवं बाह्य स्रोतों द्वारा 3.509 मेगावाट पीक क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र पीपीपी मोड में स्थापित किया गया है जिसको स्थापित एवं अनुरक्षण करने में रेल राजस्व का कोई व्यय नही हो रहा है।
इसकी सहायता से वित्तीय वर्ष 2020-21 में 33.91 लाख यूनिट हरित ऊर्जा उत्पन्न हुई है, परिणामस्वरूप लगभग रू 1.09 करोड़ रेल राजस्व की बचत हुई है। उक्त संयंत्र से उत्पन्न होने वाले हरित ऊर्जा के कारण पर्यावरण से लगभग 2.71 किलोटन कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2019-20 में 34.09 लाख यूनिट हरित ऊर्जा उत्पन्न हुई है, परिणामस्वरूप लगभग रू. 1.08 करोड़ रेल राजस्व की बचत हुई एवं पर्यावरण से लगभग 2.72 किलोटन कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है। प्रयागराज मंडल के कुल नॉन-ट्रैक्शन विद्युत खपत का लगभग 5 प्रतिशत सौर ऊर्जा द्वारा पूरा किया जाता है।
प्रयागराज स्टेशन एवं परिक्षेत्र में रेलवे द्वारा 1396 किलोवाट पीक क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र पीपीपी मोड में स्थापित किया गया है। जिसमें स्वयं रेलवे द्वारा 110 किलोवाट पीक क्षमता का ऊर्जा सन्यंत्र स्थापित किया गया है। जिससे पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1.52 लाख यूनिट हरित ऊर्जा उत्पन्न हुई है, परिणामस्वरूप लगभग रू0 53.98 लाख रेल राजस्व की बचत हुई एवं पर्यावरण से लगभग 1.22 किलोटन कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-2022 में जून माह तक 4.53 लाख यूनिट हरितउर्जा उत्पन्न हुई है परिणामस्वरूप लगभग रू.16.31 लाख रेल राजस्व कि बचत हुई है।