सीबीआई की विशेष अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व आरजेडी के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव समेत छः दोषियों को चारा घोटाला के आरोप में सजा सुनाई है।
ऐसे में लालू यादव को वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिए साढ़े तीन साल की सज़ा के अलावा पांच लाख रुपये का ज़ुर्माना भी लगाया गया है. वहीं अन्य छः दोषियों को सात-सात साल की सजा सुनाई गई है।
सूत्रों के मुताबित ये सज़ा तीन साल से ज़्यादा की है, लिहाजा उन्हें इसी अदालत से ज़मानत नहीं मिलेगी।
रांची में लालू प्रसाद की वकालत कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता प्रभात कुमार के अनुसार अब वे लोग उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।
आप को बता दे लालू को 23 दिसंबर 2017 को दोषी ठहराया गया था। वहीँ लालू के अलावा पंद्रह लोग और दोषी क़रार दिए गए थे जिनमें छह दोषियों को सात-सात साल की सजा सुनाई गई है।
सन 1991 से 94 के बीच के दौरान का यह मामला दौरान देवघर कोषागार से अवैध तरीक़े से 84.54 लाख रुपये निकाले गए थे। जिसमें कुल 22 अभियुक्त थे जिनमें से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर जगन्नाथ मिश्र समेत छह लोग बरी कर दिए गए थे।लालू यादव पर साज़िश रचने वालों को बचाने की कोशिश करने के आरोप में यह सजा सुनाई गई है।
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