BRIJENDRA BAHADUR MAURYA
15 साल इंतजार के बाद वायदे के चार महीने भी निकले, कब बहाल होंगे जन स्वास्थ्य रक्षक
लखनऊ। प्रदेश के 87 हजार 500 जन स्वास्थ्य रक्षक 2002 से बहाली के इंतजार का लम्बा समय तो जैसे तैसे काट गए परंतु मुख्यमंत्री योगी से मिले 120 दिनों के आश्वासन की समयावधि बीतने पर उनके सब्र का बांध टूटने को है। गुरुवार को जन स्वास्थ्य रक्षकों की सबसे बड़ी यूनियन कम्यूनिटी हेल्थ वर्कर एसोशिएसन ने राजधानी में हजरतगंज स्थित दारुलशफा के ए ब्लॉक कामन हाल में प्रदेश स्तरीय बैठक कर आर पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है जो कि शिक्षामित्रों के बाद सरकार के लिए एक और बड़ी चुनौती बनने जा रहा है। कम्यूनिटी हेल्थ वर्कर एसोशिएसन की बैठक में आए पूरे प्रदेश के प्रतिनिधियों ने मंथन कर बड़े आन्दोलन के लिए कमर कस ली है। सुबह से चल रही बैठक में नाउम्मीद हो चुके हजारों जनस्वास्थ्य रक्षकों का गुस्सा झलक रहा था क्योंकि 13 अप्रैल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ प्रदेश अध्यक्ष रघुपति सिंह की हुई वार्ता में मिला 120 दिनों में बहाली के आश्वासन की समय-सीमा 13 अगस्त को समाप्त हो चुकी है। बतातें चलें कि उस मीटिंग में मुख्यमंत्री रघुपति सिंह से मिले थे और उनसे 120 दिनों में बहाली करने का वायदा किया था, उस समय दिए गए पत्र पर विशेष सचिव मुख्यमंत्री अजय कुमार सिंह ने हस्ताक्षर कर बहाली की मुहर लगा दी थी। गौरतलब है कि सीएम योगी कई वर्षों से जन स्वास्थ्य रक्षकों की लड़ाई लड़ते रहे है और वह जानते हैं कि इनकी बहाली से पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रूप से चलाया जा सकता है। सन् 1978 में जन स्वास्थ्य रक्षक के पद पर नियुक्त किए गए इन कर्मचारियों को ऐलोपैथिक, होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक चिकित्सा की ट्रेनिंग प्राप्त है और इनका नेटवर्क छोटे से छोटे गांव तक फैला हुआ है। पिछले दिनों गोरखपुर के बी आर डी मेडिकल कॉलेज में हुई दर्दनाक मौतों के बाद ये नियुक्ति और भी प्रासंगिक हो जाती है। कम्यूनिटी हेल्थ वर्कर एसोशिएसन की बैठक के बाद मीडिया को आगामी रणनीति बतातें हुए प्रदेश अध्यक्ष रघुपति सिंह ने कहा कि हमारी केवल एक ही मांग है और वह है बहाली। सरकार हमें जो भी मानदेय हमें मंजूर होगा। बैठक में तय किए गए निर्णय की जानकारी देते हुए सिंह ने कहा कि हजारों जनस्वास्थ्य रक्षकों ने तय किया है कि सरकार से मिले 120 दिनों में बहाली के वायदे का समय बीतने के बाद सरकार को एक माह का समय और देते हुए बड़े आन्दोलन की तैयारियां शुरू कर दी जाएंगी। उन्होंने बताया कि बहाली को लेकर वह कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी से कई बार मिल चुके हैं और मंत्री जी ने उन्हें बार बार आश्वासन दिया है परंतु मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए 120 दिन बीत चुके हैं और कम्यूनिटी हेल्थ वर्कर किसी भी सीमा तक जाने को तैयार बैठे हैं।
सरकार द्वारा वायदा न निभाने पर अगले कदम के सवाल का जवाब देते हुए रघुपति सिंह ने कहा कि अब हमारे सामने करो और मरो के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। सितम्बर के अंत से आन्दोलन की रुप रेखा बना ली गयी है और विधानसभा घेराव करने के बाद आमरण अनशन के अलावा कोई चारा नहीं बचा है।
अब देखने वाली बात ये होगी कि लाखों की संख्या में नाराज शिक्षामित्र, पुलिस भर्ती अभ्यर्थियों और बहुत से पदों पर बहाली का इंतजार कर प्रदेशवासियों के बाद जब ये 87,500 जन स्वास्थ्य रक्षक भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल देंगे तब सरकार इतनी बड़ी समस्याओं से कैसे निपटेगी।
बैठक में मुख्य रूप से रक्षपाल सिंह, सत्यदेव उपाध्याय, केशव प्रसाद, अवधेश शुक्ला, दिलीप कुमार वर्मा, जगदीश पाल सिंह, द्रोपा देवी, बचानू राम, शिव प्रसाद वर्मा तथा कैलाश दुबे शामिल रहे।
https://www.youtube.com/watch?v=YLlPJE-deBw