SATEESH SANGAM——————–
शैक्षिक व्यवस्था के बावजूद भी शिक्षा को पाना मुश्किल
शैक्षिक योग्यता में सुधार के लिए कितना भी प्रावधान किया जाए पर इसकी व्यवस्था तभी सुधर सकती है जब सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए। वैसे देखे तो आजादी के बाद शिक्षा के क्षेत्र में बहुत सुधार हुआ है इसे बेहतर बनाने के लिए बड़े -बड़े शैक्षिक संस्थानों की स्थापना की गयी है। जिसके जरिए छात्रों ने हर क्षेत्र में मुकाम हासिल किए हैं इसके वाबजूद भी अभी मेरा देश विकासशील है क्योंकि जितने भी बड़े इंस्टीटयूट है वह शिक्षा को फोकस न करके पैसा कमाने का जरिया बनाते है।
इस्लामिक आरगनाईजेशन आफ इंडिया के सेक्रेटरी बेलाल असगर ने शिक्षा के बिगड़ते हालात को देखते हुए अपनी बात एक प्रेस वार्ता के जरिए बताया कि भारत शैक्षिक संस्थानों से जूझ रहा है शैक्षिक बजट बढ़ाने के बावजूद भी स्कूल, विद्यालय और विश्वविद्यालय मूलभूत सुविधाओं से वंचित है।
कही शिक्षकों की कमी तो कहीं स्कूलों में किताबें नहीं ऐसे में सरकार तो हर साल शिक्षा के नाम पर बजट आवंटित करती है लेकिन उसका सही इस्तेमाल होता है की नहीं इसपर प्रशासन का कोई ध्यान नहीं हैं।
आगे बात करते हुए बताया कि इन सभी समस्याओं पर नजर रखने के बाद नार्थ इंडिया एजूकेशन मूवमेंट के जरिए शिक्षा में सुधार किया जाएगा।
एसआईओ का मानना है कि जब तक देश के सभी वर्ग के छात्रों को शिक्षा के समान अवसर प्रदान नहीं किया जायेगा तब तक देश का विकास संभव नहीं है।
https://www.youtube.com/watch?v=YLlPJE-deBw
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