एशिया कप इस बार संयुक्त अरब अमीरात (UAE) मे खेला जा रहा है. इस टूर्नामेंट में 6 टीमें हिस्सा ले रही हैं जिसमे अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश, इंडिया, पाकिस्तान, श्रीलंका और हाँगकाँग शामिल हैं.
UAE तीसरी बार एशिया कप कि मेजबानी कर रहा है. टूर्नामेंट के 13 मेचों के लिए दो मैदानों को चुना गया है लेकिन इन में शारजाह का वो ऐतिहासिक मैदान शामिल नहीं किया गया है जहां भारत ने साल 1995 में एशिया कप का खिताब अपने नाम किया था.
साल 2000 के बाद से भारतीय टीम ने शारजाह के मैदान पर एक भी अंतर्राष्ट्रीय मैच नहीं खेला है. और इस साल भी एशिया कप का कोई मैच शारजाह मे नहीं खेला जाएगा, जिसकी पीछे एशियन क्रिकेट काउंसिल ने वजह बताई है कि शारजाह के मैदान में अफ़गान प्रीमियर लीग का आयोजन हो रहा है. अफ़गान प्रीमियर लीग का आगाज़ 5 अक्तूबर को होगा जबकि एशिया कप 28 सितंबर को खत्म हो जाएगा.
भारतीय क्रिकेट बोर्ड और शारजाह स्टेडियम के बीच संबंध अच्छे नहीं रहे हैं. ये बात किसी से भी छुपी ढकी नहीं है. शारजाह स्टेडियम में एशिया कप का एक भी मैच न होने कि सबसे बड़ी वजह बी सी सी आई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) है. बी सी सी आई भारतीय टीम को गैर नियामक स्टेडियम मे खेलने की अनुमति नहीं देता है और शारजाह स्टेडियम भी इसी सूची में शामिल है.
गौरतलब है कि बी सी सी आई ही इस साल के एशिया कप कि मेजबानी कर रहा है. और ऐसे में शारजाह स्टेडियम मे मैच ना होना कोई हैरानी की बात नहीं है.
इसके अलावा पाकिस्तान ने जेबी से शारजाह स्टेडियम को अपनी होम सिरीज़ का केंद्र बनाया है तब से भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने शारजाह से दूरी इख्तियार कर रखी है.
शारजाह स्टेडियम विवादो का हिस्सा भी रहा है, मैच फिक्सिंग के आरोप में आई सी सी ने 7 सालो के लिए अंतर्राष्ट्रीय मेचेज़ पर प्रतिबंध लगा दिया था. शरजाह सबसे ज़्यादा एक दिवसीय मैचो की मेजबानी करने वाला एक वहीद स्टेडियम है. शरजाह अब तक 236 मैचो की मेज़बानी कर चुका है.