लैम्प से आया पढ़ाई में सुधार

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स्टडी सौर ऊर्जा लैम्प योजना के प्रगति से खुश होकर उप मुख्य मंत्री दिनेश शर्मा  व ग्राम्य विकास विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग, उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के मिशन निदेशक नागेन्द्र प्रताप सिंह के हाथों पूरी टीम को सम्मानित किया गया –
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान गोमती मे उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा अाजीविका कौशल दिवस मनाया गया तथा इसी संबंध मे सभी विभाग के कार्यो के प्रगति के बारे मे अवगत कराया गया स्टडी सौर ऊर्जा लैम्प योजना की प्रगति काफी अच्छी पायी गयी तथा उप मुख्य मंत्री ने स्टडी सौर ऊर्जा लैंप के स्टाल का भी निरीक्षण किया तथा उनहोने महिलायो को लैंप बनाते देखा व उनसे इस योजना की विस्तृत जानकारी ली इन सभी कार्यों से खुश होकर पूरी यूपी टीम की तरफ तरफ से हसनगंज उन्नाव टीम ने ये अवार्ड ग्रहण  किया ।
आईआईटी मुंबई के परियोजना प्रबंधक शैलेंद्र द्विवेदी ने बताया कि यह योजना भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के एवं आई आई टी बॉम्बे व उत्तर प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा  बच्चों को 100 रूपये में लैंप वितरण किया जा रहा है जब कि इस लैंप की वास्तविक मूल्य 700 रुपए है  ।
 ये परियोजना  उन -उन क्षेत्रों में चलाई जा रही है जहां पर या तो बिजली का कनेक्शन नहीं है और कनेक्शन है तो या तो बिजली की कटौती होती है या फिर उनसे प्राप्त प्रकाश नहीं मिलता उसके कारण या फिर स्कूल जाने वाले बच्चे शाम को किरोसिन दीपक में पढ़ते हैं जिससे उनके पढ़ने में असुविधा होती है । इसलिए  स्टडी सौर ऊर्जा लैम्प  परियोजना विशेष रूप में स्कूल के बच्चों के लिए तैयार की है ।
 स्टडी सौर ऊर्जा लैम्प प्रशिक्षण के उपरांत स्थानीय समूह की महिलाओ ने  निर्माण किया  है  और बच्चो में वितरण भी किया जा रहा है  जब भी स्टडी सौर ऊर्जा लैंप  खराब होता है तो संस्था द्वारा एक वर्ष निशुल्क रिपेयर किया जाएगा बिजली नहीं होने पर लोग प्रकाश के लिए किरोसिन दीपक का उपयोग कर हैं जिससे हमारे शरीर के अंगों जैसे आंखों फेफड़ों आदि पर दुष्प्रभाव पड़ता है। साथ ही पर्यावरण को  भी नुकसान नही  पहुंचा परंतु  हम अपनी बिजली खुद उत्तपन्न कर सकते हैं और पर्यावरण को नुकसान भी नहीं होगा । यह योजना उत्तर प्रदेश के 29 जनपद एवं 115 ब्लाकों में लागू हुई हैं  तथा  34 लाख स्टडी सौर ऊर्जा लैम्प  29 जनपद 115 ब्लाकों  के स्कूलों के बच्चों को  वितरण किया जाना हैं तथा इस योजना के अंतर्गत  समूह की 4000 महिलाओं को रोजगार भी मिलेयेगा यह योजना पॉच राज्यों मे लागू की गयी -उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, उड़ीसा, असम जहां पर 70 लाख बच्चो को स्टडी सौर ऊर्जा लैम्प वितरण किया जाना हैं जब कि 70 लाख मे 34लाख स्टडी सौर ऊर्जा लैम्प उत्तर प्रदेश में वितरण होना है |
अभी तक  2 लाख 85 हजार बच्चो को स्टडी सौर लैम्प वितरण हो चुका हैं प्रथम चरण में जनपद –   सोनभद्र,      उन्नाव, बहराइच, खीरी, हरदोई, इलाहाबाद, वाराणसी, गोरखपुर मे योजना चल रही हैं तथा अभी तक  8 जनपद  के 11 ब्लाकों   मे आजीविका मिशन की 400 महिलाओं को रोजगार भी मिला चुका है    इस योजना मे कार्य करने वाली महिलाओं को  लैम्प को बनाने वाली समूह की महिला को 12 रू0 प्रति लैम्प एवं वितरण करने वाली महिलाओं को 17 रू0 प्रति लैम्प दिया जायेगा। जिससे महिलाएं 1 दिन में 400 रू0 तक लगभग आमदनी कर सकती है।तथा महिलाएं प्रति माह 5000 रू से 6000 रू कमा लेती है |
जब से स्ट्डी सोलर लैंप परियोजना की शुरूआत  हुई है अौर इस योजना से सभी छात्र  -छात्राओ को स्ट्डी सोलर लैंप  पढ़ाई के लिये लैंप मिला हैं   तब से सभी छात्र, छात्राओ के पढ़ाई मे सुधार आया तथा  इस लैंप के उपयोग घर के काम में भी किया जा रहा हैं  जिससे घर के दैनिक काम भी किये जा रहे है| जिस तरह  सभी   छात्र, छात्राओं को पढ़ाई का अधिकार मिल रहा हैं उसी तरह आज सभी छात्र  -छात्राओ को रोशिनी  का अधिकार मिल रहा हैं शिक्षा का स्तर आज के समय से पहले जब गांवो तक बिजली की संचार व्यवस्था की कमी थी और पढ़ाई की कोई समुचित व्यवस्था न होने के कारण यहा पर शिक्षा का आभाव होना स्वाभाविक था लेकिन अब समय के साथ बदलाव होता जा रहा है
उत्तर प्रदेश ही नही बल्कि पूरे देश मे भारत सरकार  संयुक्त तत्वावधान मे एक नयी ऊर्जा का संचार किया जो 70 लाख स्टडी सोलर लैम्प योजना के नाम पर बच्चो के लिए शिक्षा को प्रभावी बनाने के लिए तैयार की गई
जिससे आज के समय मे बच्चो को शिक्षा का अधिकार और ग्रामीण क्षेत्र की गरीब परिवार की महिलाओ को रोजगार का सुनहरा अवसर प्रदान हुआ समाज हित जो अनोखा कार्य भारत सरकार के द्वारा किया जा रहा है  सहयोग से जो कठिन परिश्रम करके उत्तर प्रदेश मे अपनी कार्यशैली से हम सभी लोगो को टीम के साथ काम करने की प्रेरणा दी गई है और इस योजना के द्वारा सौर ऊर्जा से मिलने वाले प्रकाश की एक विशेष प्रकार अनोखी जानकारी भी हासिल हुई है
आज उत्तर प्रदेश के बच्चो को शिक्षा के क्षेत्र मे तो अधिक मजबूत बनाने मे बहुत ही अच्छी कामयाबी दिख रही है और इन गरीब परिवार की महिलाओ को रोजगार का सृजन हो रहा है और समाज मे एक अनोखी पहचान भी मिल रही है जिससे हम सभी टीम सोल्स  उत्तर प्रदेश के इस परियोजना से अति प्रफुल्लित है इससे हम सभी को एक नयी ऊर्जा क्रान्ति का संचार हुआ है |
इस मौके पर उपस्थिति आईआईटी मुंबई से प्रोजेक्ट इंजीनियर श्रीकांत सिंह व असिस्टेंट प्रोजेक्ट मैनेजर कुनाल गुप्ता, सीनियर प्रोजेक्ट असिस्टेंट अजीत सिंह मौजूद थे|
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