Tuesday, March 4, 2025
spot_img
HomeEducationरेलवे की जॉब के लिए आईटीआई की अनिवार्यता हुई खत्म

रेलवे की जॉब के लिए आईटीआई की अनिवार्यता हुई खत्म

रेलवे की ग्रुप सी और डी की भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया में कुछ नए नियमों को लेकर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अहम फैसला लिया है। अब 10 वीं पास छात्र, आईटीआई या नेशनल अप्रेंटिंस सर्टिफिकेट वाले छात्र भी इस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। रेलवे पहले ही आयु सीमा में तीन साल की छूट देने और परीक्षा फीस वापस करने की घोषणा कर चुका है। इन मांगों को लेकर बिहार के कई शहरों में छात्र व युवा धरना-प्रदर्शन कर रहे थे।

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को ट्वीट कर बताया कि कार्मिक मंत्रालय के निर्णय के आधार पर रेलवे की ग्रुप सी और डी परीक्षाओं में आयु सीमा को धीरे-धीरे कम करने का फैसला लिया गया था और इसके आधार पर इस बार दो साल उम्र सीमा कम कर दी गई थी।

देश में कौशल विकास को देखते हुए ही आईटीआई सर्टिफिकेट को अनिवार्य किया गया था, लेकिन रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में तय किया गया कि इसे लेकर छात्रों के बीच जानकारी सही तरीके से नहीं पहुंच पाई है और इससे लाखों छात्रों के भविष्य पर असर पड़ सकता है। इस वजह से ही छात्रों की मांग को देखते हुए नियमों में बदलाव का फैसला लिया गया है।

रेल मंत्री ने कहा कि परीक्षा फीस बढ़ाने का फैसला इस आधार पर लिया गया था कि आवेदन तो लाखों छात्र करते थे, लेकिन परीक्षा देने नहीं जाते हैं। परीक्षा के लिए जरूरी इंतजाम करने में काफी खर्च होता था। रेल मंत्री ने कहा कि फीस बढ़ाने का निर्णय इसलिए लिया गया था कि इसमें जो सीरियस कैंडीडेट हैं, वहीं परीक्षा फॉर्म भरे और जो कैंडीडेट ऐसे ही फॉर्म भर देते थे, उसे हतोत्साहित किया जाए। ऐसे में परीक्षा फीस सामान्य वर्ग के लिए 100 रुपए से 500 रुपए की गई थी। आरक्षित वर्ग के लिए यह 250 रुपए थी, लेकिन जो छात्र परीक्षा देंगे, उन्हें बाकी पैसा उनके बैंक खाते में जमा करा दिया जाएगा। गरीब छात्रों को देखते हुए सामान्य वर्ग के छात्रों के 400 रुपए खाते में लौटा दिया जाएगा। रेलवे पहले ही आयु सीमा में तीन साल की छूट देने और परीक्षा फीस वापस करने की घोषणा कर चुका है।

मोदी ने दी रेलमंत्री को बधाई –

रेलवे में आईटीआई की अनिवार्यता खत्म करने पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने रेलमंत्री पीयूष गोयल को फोन करके बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि आईटीआई की अनिवार्यता खत्म होने से बिहार के लाखों युवकों को फार्म भरने और परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलेगा। मोदी ने कहा कि ग्रुप सी के तहत 26,500 असिस्टेंट लोको पायलट और तकनीकी पदों की रिक्तियों के लिए तो आईटीआई की अर्हता स्वागतयोग्य है मगर ग्रुप डी के लिए यह जरूरी नहीं थी।

बिहार के नेताओं ने की थी पहल –

रेल मंत्री ने बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव का नाम लेते हुए कहा कि इन लोगों ने भी छात्रों की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आग्रह किया था। उन्होंने खुद और रेलवे बोर्ड ने इस मामले पर गंभीरता से विचार कर इस निर्णय पर पहुंचा। यह सरकार छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है।

https://www.youtube.com/watch?v=PBLx74WM1t8


9918956492 को अपने मोबाइल में avadhnama news के नाम से सेव करे और अपना नाम जिला हमे व्हाट्सएप्प करें 
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img

Most Popular