कानपुर में उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना रशादी ने दिया भड़काऊ भाषण के बाद कानून-व्यवस्था के एडीजी ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। मौलाना ने तकरीर के दौरान लखनऊ में सैफउल्लाह के एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए प्रदेश की सपा सरकार और केंद्रीय गृहमंत्री के खिलाफ टिप्पणी की थी। इतना ही नहीं उन्होंने मुस्लिम समाज से एनकाउंटर के खिलाफ एकजुट होने का भी आह्वान किया था। इस बयानबाजी पर एडीजी कानून-व्यवस्था दलजीत चौधरी ने एसएसपी को मौलाना रशादी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया है।
उलेमा काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी मदनी ने कहा कि सैफुल्लाह का एनकांउटर फर्जी है। आतंकी सैफुल्लाह नहीं है, आतंकी तो सरकार है। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि पुलिस वालों ने सैफउल्लाह को घर के अंदर बंधक बना रखा था।
शुक्रवार दोपहर मौलाना आमिर रशादी मदनी सैफउल्लाह, इमरान और आतिफ के घर पहुंचे। उन्होंने सभी के परिजनों से अलग-अलग बात की। केवल इमरान के घर पर ताला लगा होने के कारण परिजनों से बात नहीं हो सकी। सभी के परिवारों से मिलने के बाद उन्होंने मीडिया से कहा, सैफउल्लाह का एनकाउंटर फर्जी है। आतंकी वह नहीं आतंकी सरकार है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस वालों ने सैफउल्लाह को घर के अंदर बंधक बना रखा था।
पूरे मामले में डीजीपी का कोई वर्जन न आना भी अपने आप में संदेह खड़ा कर रहा है। उन्होंने एनकाउंटर के समय मौजूद पुलिसकर्मियों और एटीएस कर्मियों का नारको टेस्ट कराया जाए। उन्होंने बताया कि फर्जी एनकाउंटर का मास्टरमाइंड एडीजी हैं, जो हिंदू और मुसलमानों के बीच नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा आरएसएस और बीजेपी के साथ अखिलेश सरकार ने मिलकर यह काम किया है।
इसके मौलाना आमिर रशादी केडीए कॉलोनी स्थित मक्का मस्जिद पहुंचे जहां नमाज अदा करने के बाद उन्होंने वहां मौजूद मुस्लिमों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी मुस्लिमों को साथ देना चाहिए और सभी लोग इसके खिलाफ लड़ाई के लिए तैयार रहें।